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जुस्
जुस् - III. iv. 108
(लिङादेश झि को) जुस् आदेश हो जाता है।
जुसि – VII. iii. 83
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जुस् परे रहते (भी इगन्त अङ्ग को गुण होता है) । जुहोत्यादिभ्यः - II. iv. 75
जुहोत्यादिगण की धातुओं से उत्तर (शप् के स्थान श्लु आदेश होता है)।
... जूति... - III. lii. 97
देखें ऊतिपूर्ति० 111. III. 97
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जू... - 111. 1. 58.
देखें स्तम्बुo] III. 1. 58
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जू... - VI. iv. 124
देखें - प्रमु० VI. iv. 124
कृ. - VII. 11.55
देखें
वश्च्यो: VII. 11. 55
भ्रमुत्रसाम् - VI. iv. 124
जू. प्रमु तथा त्रस् अ के (अकार के स्थान में एत्व तथा अभ्यास लोप विकल्प से होता है; कितु, ङित् लिट् तथा सेंट् थल परे रहते) ।
जुवश्च्यो:- VII. 1. 55
'जू वयोहानौ' तथा 'ओवश्चू छेदने' धातु के (क्वा प्रत्यय को इट् आगम होता है)। जृस्तम्भुम्रुचुम्लुचुचुचुम्लुचुग्लुञ्चुश्विभ्यः - III. 1. 52
वृष, स्तम्भु, मुचु, म्लुचु, मुचु, ग्लुचु, ग्लुडु, श्वि इन धातुओं से उत्तर (भी चिल के स्थान में अङ् आदेश विकल्प से होता है, कर्तृवाची लुङ् परे रहते)।
जे - VIII 14
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(प्रावृट, शरत्, काल, दिव्-- - इन शब्दों की सप्तमी का) 'ज' उत्तरपद रहते (अलुक् होता है)।
जे - VI. 1. 82
(दीर्घान्त पूर्वपद को तथा काश, तुष, भ्राष्ट्र, वट- इन पूर्वपद शब्दों को) 'ज' उत्तरपद रहते (आद्युदात्त होता है)। जे VII. III. 18
जात अर्थ में विहित (जित् णित् तथा कित् तद्धित परे रहते प्रोष्ठपद अङ्ग के उत्तरपद के अचों में आदि को वृद्धि होती है)।
267
जे: - I. iii. 19
(वि तथा परा उपसर्ग से उत्तर) 'जि' धातु से (आत्मनेपद होता है।
जे:- VII. iii. 57
(अभ्यास से उत्तर) जि अङ्ग को (सन् तथा लिट् परे रहते कवर्गादेश होता है)।
जैह्माशिनेय... - VI. iv. 174
देखें - दाण्डिनायनहास्तिo VI. iv. 174
...जो. - VII. 1. 52
देखें
ज्ञ - I. iii. 44
( अपह्नव अर्थ में वर्त्तमान) ज्ञा धातु से (आत्मनेपद होता
है) ।
...
I. iii. 58
( अनु पूर्वक सन्नन्त) शा धातु से (आत्मनेपद नहीं होता)।
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जो VII. III. 52
I. iii. 76
(उपसर्ग रहित) 'ज्ञा' धातु से (आत्मनेपद होता है, (क्रिया का फल कर्त्ता को मिलने पर ) ।
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ज्ञः - II. iii. 51
(जानने से भिन्न अर्थ वाले शेष विभक्ति होने पर) जा धातु के (करण कारक में षष्ठी विभक्ति होती है)।
..III. ii. 6
देखें - दाज्ञः III. 1. 6
ज्ञपि.... - VII. ii. 49
देखें इक्त०] VII. II. 49 ...जपि... - VII. Iv. 55
देखें - आज्ञप्यृधाम् VII. Iv. 55
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...ज्ञप्ताः - VII. ii. 27
देखें - दान्तशान्त० VII. ii. 27 ज्ञा... - I. iii. 57
देखें - ज्ञाश्रुस्मृदृशाम् I. iii. 57 .....ज्ञा.... •III. 1. 135 देखें- इगुपधज्ञा०] III. 1. 135 ...ज्ञा... - VII. iii. 47
देखें- भरत्रैषा०] VII. III. 47.
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