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...जीनाम्
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जुष्टार्पित
...जीनाम् - VI.i. 47
देखें - क्रीजीनाम् VI. I. 47 ....जीर्यतिभ्यः... - III. iv. 72. देखें – गत्यर्थाकर्मक० III. iv. 72 जीर्यते: - III. ii. 104 'जृष् वयोहानौ' धातु से (भूतकाल में अतॄन् प्रत्यय होता
जीविकार्थे- V. ii. 99
जीविकोपार्जन के लिये (जो न बेचने योग्य मनुष्य की प्रतिकति. उसके अभिधेय होने पर भी. कन प्रत्यय का लुप होता है)। जीविकार्थे- VI. ii. 73
जीविकार्थवाची समास में (अकप्रत्ययान्त शब्द के उत्त- .. रपद रहते पूर्वपद को आधुदात्त होता है)। जीविकोपनिषदौ-I. iv. 78
जीविका और उपनिषद् शब्द (कृञ् के योग में गति और निपात संज्ञक होते हैं, उपमा के विषय में)। ...जीवेषु-III. iv. 36 देखें - समूलाकृतजीवेषु III. iv. 36
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जीव... -III. iv. 43
देखें-जीवपुरुषयोः III. iv.43 ...जीव.. - VII. iv.3
देखें- प्राजभास VII. iv.3' जीवति -V.i. 163
(पौत्रप्रभृति का जो अपत्य,उसकी पितामह के) जीवित रहते (युवा संज्ञा ही होती है)। जीवति - IV.i. 165
(भाई से अन्य सात पीढ़ियों में से कोई पद तथा आयु दोनों से बूढ़ा व्यक्ति) जीवित हो (तो पौत्रप्रभृति का जो अपत्य,उसके जीते ही विकल्प से युवा संज्ञा होती है,पक्ष में गोत्रसंज्ञा)। जीवति -Viv. 12
(तृतीयासमर्थ वेतनादि प्रातिपदिकों से) 'जीता है' अर्थ में (ठक् प्रत्यय होता है)। जीवति-v.ii. 21
(तृतीयासमर्थ वात प्रातिपदिक से) 'जीता है' अर्थ में (खञ् प्रत्यय होता है)। ...जीवन्तात्... - IV.i. 103
देखें-द्रोणपर्वत• IV. 1. 103 जीवपुरुवयोः -III. iv.43
(कर्तावाची) जीव तथा पुरुष शब्द उपपद हों तो (यथासङ्ख्य करके नश तथा वह धातुओं से णमुल प्रत्यय होता है)। ...जीविकयोः -II. 1. 17
देखें-क्रीडाजीविकयोः II. ii. 17 ...जीविका... -I.iv.78
देखें-जीविकोपनिषदौ I. iv.78
देखें-विन्दजीवो: III. iv. 20 . जु... - III. ii. 150
खें-जुचक्रम्य III. ii. 150 ...जु... - III. I. 177 .
देखें - प्राजभासथुर्विद्युतोणि III. ii. 177 जुक् -VII. iii.38
(कंपाना अर्थ में वर्तमान वा धातु को णिच् परे रहते) जुक आगमा
जुचक्रम्यदन्द्रम्यगृधिज्वलशुचलषपतपदः - III.. ii. 150
जु, चक्रम्य, दन्द्रम्य, स, गृधु, ज्वल, शुच, लष, पत, पद- इन धातुओं से (तच्छीलादि कर्ता हो तो वर्तमान काल में युच् प्रत्यय होता है)। ...जुषः -III. 1. 109
देखें - एतिस्तुशास्व. III. 1. 109 ....जुषाणो... - VI. 1. 114
देखें - आपोजुषाणो. VI.i. 114 जुष्ट.-VI. i. 203 देखें - जुष्टार्पिते VI. 1. 203 जुष्टार्पिते - VI. 1. 203
जष्ट और अर्पित शब्दों को (भी वेद विषय में विकल्प से आधुदात्त होता है।)