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च - I. iii 61
(लुङ, लिङ् लकार में) तथा (शित् विषय में जो 'मृङ् प्राणत्यागे' धातु, उससे आत्मनेपद होता है)।
च - 1. iii. 74
(णिजन्त धातु से) भी (क्रिया का फल कर्ता को मिलता हो तो आत्मनेपद होता है) ।
च - I. iii. 84
(उपपूर्वक रम् धातु से भी ( परस्मैपद होता है)।
I. iii. 87
(निगरणार्थक तथा चलनार्थक ण्यन्त धातुओं से भी (परस्मैपद होता है)
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च - I. iii. 93
(लुट् लकार) एवं (स्य और सन् प्रत्ययों के होने पर भी कृपू धातु से विकल्प करके परस्मैपद होता है)।
च - 1. iv. 6
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( ह्रस्व इकारान्त, उकारान्त स्त्र्याख्य शब्द तथा इयड्उवङ् स्थानी ईकारान्त, ऊकारान्त स्त्र्याख्य शब्द) भी (डित् प्रत्यय के परे रहते विकल्प से नदीसञ्ज्ञक होते हैं) ।
च - 1. iv. 12
(दीर्घ अक्षर की) भी (गुरुसंज्ञा होती है)।
च - I. iv. 16
(सित् प्रत्यय के परे रहते भी (पूर्व की पदसंज्ञा होती है)।
च - Iiv. 41
(अनु एवं प्रतिपूर्वक गृ धातु के प्रयोग में पूर्व का जो कर्ता, ऐसे कारक की भी (सम्प्रदान संज्ञा होती है) । च - I. iv. 43
(दिव् धातु का जो साधकतम कारक, उसकी कर्म) और (करण संज्ञा होती है)।
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च - I. iv. 47
(अभि, नि पूर्वक विश् का जो आधार, उस कारक की) भी (कर्म संज्ञा होती है)।
च - I. iv. 50
( जिस प्रकार कर्त्ता का अत्यन्त ईप्सित कारक क्रिया के साथ युक्त होता है, इस प्रकार ) ही (कर्ता का न चाहा हुआ कारक क्रिया के साथ युक्त हो तो उसकी कर्म संज्ञा होती है)।
च - I. iv. 51
(अपादानादि कारकों से अनुक्त कारक की भी (कर्म संज्ञा होती है)
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च - I. iv. 55
(उस स्वतन्त्र के प्रयोजक कारक की हेतुसंज्ञा) और (कर्तृसंज्ञा होती है) ।
च - I. iv. 59
(प्रादियों की क्रिया के योग में गतिसंज्ञा) और (उपसर्ग संज्ञा भी होती है)।
च - I. Iv. 60
(ऊर्यादि शब्द तथा च्व्यन्त और डाजन्त शब्द) भी (क्रियायोग में गति और निपातसंज्ञक भी होते हैं)। च - 1. iv. 61
(इति शब्द जिससे परे नहीं है, ऐसा जो अनुकरणवाची शब्द, उसकी भी (क्रियायोग में गति और निपात संज्ञा होती है।
च - I. iv. 67
(अस्तं शब्द जो अव्यय, उसकी भी (क्रिया के योग में गति और निपातसंज्ञा होती है)।
च - I. iv 73
(साक्षात् इत्यादि शब्दों की) भी (कृञ् धातु के योग में विकल्प से गति और निपात संज्ञक होते हैं) । . च - I. iv. 75
(मध्ये पदे तथा निवचने शब्द) भी (कृञ् के योग में विकल्प से गति और निपात संज्ञा होती है)।
च - I. iv. 81
(वे गति और उपसर्गसंज्ञक शब्द वेद-विषय में व्यवधान से) भी (होते हैं)।