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गृह्णाति
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गोतन्तियवम्
गो:-v.iv.92
गो शब्द अन्तवाले (तत्पुरुष समास से समासान्त टच प्रत्यय होता है,यदि वह तत्पुरुष तद्धितलक-विषयक न हो)। गो: - VI.i. 118
सर्वत्र = छन्द तथा भाषा विषय में गो शब्द के (पदान्त में एङ् को विकल्प से अकार परे रहते प्रकृतिभाव होता
गृह्णाति-IV. iv. 39
(पद शब्द उत्तरपद वाले द्वितीयासमर्थ प्रातिपदिक से) 'ग्रहण करता है' अर्थ में (ठक प्रत्यय होता है)। ...गृभ्यः ...-III.1.24
देखें-लुपसदचर III. I. 24 ...गेय.. -III. iv. 68
देखें-भव्यगेय. III. iv. 68 गेहे-III.1. 144
गेह = घर वाच्य होने पर (प्रह.धातु से 'क' प्रत्यय होता है)। गो... -I.ii. 48
देखें-गोस्त्रियोः I. ii. 48 ...गो... - IV. 1. 49
देखें-खलगोरथात् IV. 1. 49 गो... - IV. 1. 135
देखें - गोयवाग्योः M. ii. 135 गो... - IV. Ill. 157
देखें - गोपयसो: IV. iii. 157 गो... -V.I.38 .
देखें - गोव्यक: V.i. 38 गो... - VI.i. 176
देखें - गोश्वन्० VI.i. 176 गो... -VI. ii. 72
देखें-गोबिडाल. VI. ii.72 गो... - VI. ii. 78
देखें - गोतन्तियवम् VI. ii. 78 ...गो... - VI. ii. 168
देखें- अव्ययदिक्शब्द० VI. ii. 168 ...गो... - VIII. iii. 97
देखें - अम्बाम्ब० VIII. iii. 97 गो: - IV. iii. 142 (षष्ठीसमर्थ) गो प्रातिपदिक से (भी पुरीष = मल अभिधेय होने पर मयट प्रत्यय होता है)।
गो: -VII..57 (वेद-विषय में ऋचा के पाद के अन्त में वर्तमान) गो शब्द से उत्तर (आम् को नुट् का आगम होता है)। ...गोजौ-III. iv.73
देखें - दाशगोलौ III. iv.73 . . गोचर... -III. iii. 119
देखें - गोचरसञ्चरo III. iii. 119 गोचरसञ्चरवहनजव्यजापणनिगमाः -III. iii. 119
गोचर, सञ्चर, वह, व्रज, आपण तथा निगम शब्द (भी घप्रत्ययान्त पुंल्लिङ्गकरण या अधिकरण कारक में निपातन किये जाते है)। ... गोण..-IV.i. 42 .
देखें-जानपदण्ड IV.I.42 ...गोणीभ्याम् –. iii. 90
देखें - कासूगोणीभ्याम् V. iii. 90 गोण्याः -I.ii. 50
गोणी शब्द को इकारादेश होता है, (तद्धितलुक् होने पर)।
गोणी = बोरी, आवपन। गोत: -VII. .90 गो शब्द से उत्तर (सर्वनामस्थानविभक्ति णित्वत् होती
गोतन्तियवम् - VI. ii. 78
पूर्वपद गो,तन्ति, यव इन शब्दों को (पाल शब्द उत्तरपद रहते आधुदात्त होता है)। तन्ति = राज्य की गायों का बड़ा झुण्ड ।