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कुप्वोः
कुवो:.
-VIII. iii. 37
कवर्ग तथा पवर्ग परे रहते (विसर्जनीय को यथासङ्ख्य करके अर्थात् जिह्वामूलीय तथा प अर्थात् उपध्मानीय आदेश होते है, तथा चकार से विसर्जनीय भी होता है)। कुमति - VIII. iv. 13
पूर्वपद में स्थित निमित्त से उत्तर) कवर्गवान् शब्द उत्तरपद रहते (भी प्रातिपदिकान्त, नुम् तथा विभक्ति के नकार को कारादेश होता है)।
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कुमहद्भ्याम् - V. Iv. 105
कु तथा महत् शब्द से परे (जो ब्रह्म शब्द, तदन्त तत्पुरुष से विकल्प से समासान्त टच् प्रत्यय होता है)।
कुमार... - III. 1. 51
देखें - कुमारशीर्षयोः III. II. 51
कुमारः - II. i. 69
कुमार शब्द (समानाधिकरण श्रमण आदि समर्थ सुबन्त शब्दों के साथ विकल्प से समास को प्राप्त होता है, और वह समास तत्पुरुषसंज्ञक होता है)।
कुमार:
- VI. ii. 26
(पूर्वपद स्थित) कुमार शब्द को (भी कर्मधारय समास में प्रकृतिस्वर होता है)।
.... कुमारयोः - VI. 1. 57
देखें - ब्राह्मणकुमारयोः VI. 11. 57 कुमारशीर्षयोः - III. 1. 51
कुमार तथा शीर्ष (कर्म) के उपपद रहते (हन् धातु से fift प्रत्यय होता है)।
कुमार्याम् - VI. 1. 95
( अवस्था गम्यमान हो तो) कुमारी शब्द उपपद रहते (पूर्वपद को अन्तोदात्त होता है) ।
IV. ii. 79
कुमुद देखें - अरीहणकृशाश्व० IV. II. 79
100
कुमुद... - IV. 1. 86
देखें - कुमुदनडवेतसेभ्यः IV. 1. 86 कुमुदनडवेतसेभ्यः - IV. 1. 86
162
कुमुद, नड और वेतस प्रातिपदिकों से (चातुरर्थिक मतुप् प्रत्यय होता है)।
....कुमुदादिभ्यः - IV. II. 79 देखें - अरीहणकृशाश्य० IV. II. 79 ... कुम्बि... - III. iii. 105 - चिन्तिपूजिo III. III. 105
.. कुम्भ... - VI. ii. 102 देखें - कुसूलकूपo VI. 1. 102
कुरुयुगन्धराभ्याम्
... कुम्भ... - VIII. iii. 46 देखें - कृकमि० VIII. iii. 46
कुम्भपदीषु - Viv. 139
कुम्भपदी आदि शब्द (भी) कृतसमासान्तलोपं साधु समझने चाहिये ।
कुम्भपदी हाथी के सिर के समान पैर वाला ।
.... कुरु... - VIII. 1. 79
देखें - कुर्छुराम् VIII. II. 79
कुरच् - III. ii. 162
=
(विद्, भिदिर, छिदिर्इन धातुओं से तच्छीलादि कर्त्ता हो तो वर्तमान काल में) कुरच् प्रत्यय होता है। कुरु... - IV. 1. 170
देखें - कुरुनादिभ्यः IV. 1. 170
कुरु... - IV. 1. 129
देखें - कुरुयुगन्धराभ्याम् IV. 1. 129
कुरुगार्हपत - VI. 11.42
'कुरुगार्हपत' इस समास किये हुये शब्द के पूर्वपद को (प्रकृतिस्वर होता है)।
कुरुनादिभ्यः - IV. 1. 170.
(क्षत्रियाभिधायी जनपदवाची) कुरु तथा नकार आदि वाले प्रातिपदिकों से (अपत्य अर्थ में ण्य प्रत्यय होता है)।
.... कुरुभ्यः - IV. 1. 114
देखें - ऋष्यन्यकवृष्णिo IV. 1. 114
कुरुभ्यः - IV. 1. 174
देखें - अवन्तिकुन्तिकुरुध्य IV. 1. 174
कुरुयुगन्धराभ्याम् - IV. II. 129
. कुरु तथा युगन्धर जनपदवाची शब्दों से (विकल्प से शैषिक वुञ् प्रत्यय होता है)।