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६१८१. वसता मुनि (वस्तुपाल, विनयभक्ति) / तत्त्वसुन्दर, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, 'आदि-सेवक नी अरदास सुणीजे... गा. ७', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर
३१२२५ (९३) ६१८२. वसता मुनि (वस्तुपाल, विनयभक्ति) / तत्त्वसुन्दर, रात्रिभोजन सज्झाय, सज्झाय,
राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १४७५ ६१८३. वसता मुनि (वस्तुपाल, विनयभक्ति) / तत्त्वसुन्दर, वीस स्थानक स्तवन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, ६१८४. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि-ओ
निरंजन निर्ग्रन्थ... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१५ . ६१८५. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि-तू ज्ञान
का बादल... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१६ ६१८६. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि तेरे
दर्शन को... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१७ ६१८७. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि देवा
___ओ गुरुदेवा... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१७ ।। ६१८८. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, आदि-भवसागर
है... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१८ ६१८९. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि-मैं हूं
दुखिया... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१८ ६१९०. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, आदि-हे गुरु
तेरी कृपा... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५१९ . ६१९१. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०१४ मालपुरा,
__'आदि-अर्ज सुनो गुरुदेव...५', दादागुरु भजनावली, पृ. ३५५ ६१९२. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं मालपुरा,
_ 'आदि-कुशल गुरु गुण गाओ... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३५५ ६१९३. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं मालपुरा,
'आदिमैं कुशल सूरि गुरु... गा. ६', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३५६ ६१९४. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
श्री जिनकुशलसूरीश्वर... गा. ७', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३५७ ६१९५. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, आदि
सुनो सुनो ए दुनिया... गा. १०', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३५२
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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