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६१९६. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९९३, आदि–हे
कुशल करण गुरु... गा. ६', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३५७ ६१९७. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
पूजो पूजो जिनदत्त... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ९८ ६१९८. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
सद्ज्ञान के उज्जवल... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ९९ ।। ६१९९. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
__ सुगुरु जिनदत्त... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ९९ ६२००. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'आदि-गुरु चरणों की... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३१ ६२०१. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'आदि-चरणों में आए दादा... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावला, पृ. १३२ ६२०२. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
_ 'आदि-जगमग ज्योति जग में... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३२ ६२०३. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'आदि–जिनचन्द्रसूरि दादा... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३३ ६२०४. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
- आदि-तुम हो तारण तरण... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३३ ६२०५. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'तू ही जग का रखवारा... ३', दादागुरु भजनावली, पृ. १३४ ६२०६. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'आदि-भव भय भंजन... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३४ ६२०७. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं,
'आदि-मणिधारी जिनचन्द्र... गा. ३',मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३५ ६२०८. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २१वीं, आदि
- सूखे चमन में... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३६ ६२०९. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, आदि
· · तेरी भक्ति देखी... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४३६ ६२१०. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
दादा श्री जिनचन्द्र... गा. ४', मु., दादागुरु, भजनावली, पृ. ४३७ . ६२११. विचक्षणश्री / स्वर्णश्री, जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं-२१वीं, 'आदि
बार बार अभिनन्दन... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४३७
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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