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५२३४. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनसुखसूरि गीत ( व्याख्यान), गीत स्तवन, राजस्थानी,
१८वीं, आदि-सरस वखाण सुगुरु तणो... गा. ७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २५० ५२३५. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनसुखसूरि छप्पय, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
_ 'आदि-करण अधिक कल्याण... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २५१ ।। ५२३६. धर्मवर्द्धन. उ० / विजयहर्ष उ०, जिनसुखसूरि छप्पय, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
____ 'आदि-सकल शास्त्र सिद्धान्त भेद... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४६ ५२३७. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनसुखसूरि सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
___ 'आदि-गुरु जिणचंदसूरि आप हाथ पाट दीनौ... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४८ ५२३८. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जैसलमेर नरेश अमरसिंह अमृतध्वनि, गीत स्तवन, ___राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-सबल सकल विधि सबल सुत...', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली,
पृ. १४४ ५२३९. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जैसलमेर नरेश अमरसिंह दोहा, गीत स्तवन,.राजस्थानी,
१८वीं, 'आदि-खड्ग.......लाराखेसि... गा. २', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४४ ५२४०. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जैसलमेर नरेश अमरसिंह पद्य, गीत स्तवन, राजस्थानी,
__१८वीं, 'आदि-श्रीमच्छी अमरादिसिंह... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४४ ५२४१. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जैसलमेर अमरसिंह सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१८वीं , 'आदि-तेरे तो प्रताप के प्रकाश... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४३ ५२४२. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जैसलमेर पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१८वीं, 'आदि-ऊगो धन दिन आज सफलौ... गा.७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०५ ५२४३. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जोधपुर नरेश जसवन्तसिंह कवित्त, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१८वीं, 'आदि-मरुधरै देस महाराज मोटों... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४६ ५२४४. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जोधपुर नरेश जसवन्तसिंह कवित्त, गीत स्तवन, राजस्थानी,
___ १८वीं, 'आदि-हुतौ जसवंत तां थोक... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४६ ५२४५. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, तम्बाकू त्याग सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं,
'आदि-तुरत चतुर नर तंबाकू तजौ... गा. १४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. ७८ ५२४६. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, तीर्थंकर सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि
____ नमो नितमेव सजौ सुभ सेव... गा.७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २१९ ५२४७. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, दस श्रावक सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं, आदि
सूधे मन प्रणमो दस श्रावक... गा. ७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २२५ ५२४८. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, ऋषभदेव छन्द धुलेवा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७६०,
'आदि-सत्यगुरु कहि सुगुरु रा... गा. २२', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १८१
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