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________________ ५२४९. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, नवकार छन्द, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि कामित संपय करणं... गा. २५', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १७१ ५२५०. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, नाजर आनन्दराज सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-ज्ञायक गुणै अगाह... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १४९ ५२५१. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, नेमिनाथ राजीमती बारहमासा, बारहमासा, राजस्थानी, १८वीं, आदि-दिल शुद्ध प्रणमु नेमि...', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १८७, ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर १९८१३ ५२५२. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, नेमिनाथ राजिमती बारहमासा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि-सखी री ऋतु आई सावन की... गा. १६', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १८९ ५२५३. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, नेमिनाथ राजिमती स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, _ 'आदि-राजुल कहे सजनी सुणो रे... गा. ९', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १९२ ५२५४. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन (सिन्धी भाषा), गीत स्तवन, सिन्धी, १८वीं , 'आदि-अज्जु सफल अवतार असाडा... गा. ७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १९३ ५२५५. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि आज नै अम्हारै मन आसा... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०३ ५२५६. धर्मवर्द्धन उ० / विनयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि त्रिभुवन माहे ताहरो हो... गा.७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०० ५२५७. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि नित नमिये पारसनाथ जी... गा. ३', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०९ ५२५८. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि नैणा धन लेखु देखु मुख... गा.७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २१० ५२५९. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि महिमा मोटी महीयलै हो... गा. ८', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. १९० ५२६०. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि सहियर हे सहियर... गा. ७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०७ ५२६१. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि सुणि अरदासा सुगुण निवासा... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०९ ५२६२. . धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पार्श्वनाथ स्तवन वधावा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-पहिलो वधावै जिनवर देव जु... गा. ५', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २०९ ५२६३. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, पैंतालीस आगम वीर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७७३, आदि-देवां ना पिण जेह छै देव... गा. २८', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २५५ खरतरगच्छ साहित्य कोश 383 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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