SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 115
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५५१. गुणजिनरस, वेणीराम / दयाराम गणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७६९ पीपाड़, 'आदि गणिपति सारद पाय नमी..., अन्त–संवत निधखंड समुद्र चंद...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ४११ ५५२. गुणदत्तकथा, अभयचन्द्र / आणंदराज लघुखरतर, कथा चरित्र, संस्कृत, १६वीं, अ. ५५३. गुणधर्म कुमार चौपाई, ज्ञानविमलोपाध्याय / लब्धिरङ्ग, रास चौपई, राजस्थानी, १७१९ झुंझनू, आदि-पार्श्वन बर शर्म कर्तारं भय नाशनम्..., अन्त–जे ए साधुतणा गुण गावइ... गा. ६००', अ., ह. विनय. प्रतिलिपि, अभय ग्र., बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ५५४. गुणमाला, रामविजयोपाध्याय / दयासिंह उ०, काव्य, संस्कृत, १८१७ जैसलमेर, 'मूलादि प्रत्यक्षीकृत्य, अन्त–प्रयासः सफल आसीत्...', 'आदि टीका-स श्रीसिद्धार्थसूनुः..., अन्तमनोगतभावाान् जानाति...', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, अभय ग्र., बीकानेर, विनय. प्रतिलिपि, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ९७४, १०१४१ ५५५. गुणरत्नप्रकाशिका, गुणविलास / सिद्धिवर्द्धन, काव्य, संस्कृत, १७७२, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ५५६. गुणरत्नसूरि वीवाहलउ, पद्ममन्दिर गणि / गुणरत्नसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १६वीं, 'आदि-मङ्गल कमल विलास दिवायरं..., अन्त-एह सिरि गुणरयणसूरि वीवाहलउ... गा. ४९', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ५५७. गुणविलास, म० ऋद्धिसार / कुशलनिधान, उपदेश, हिन्दी, २०वीं, मु., रामलाल संग्रह, बीकानेर ५५८. गुणसागरप्रबोधचन्द्रयुद्धप्रकाश, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर ५५९. गुणसुन्दरी चौपई, कुशललाभ उ० / कुशलधीर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७४८, दिगम्बर ज्ञान भं., कोटा ५६०. गुणसुन्दरी चौपई, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६६५ __नवानगर, अ., ह. चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ५६१. गुणसुन्दरी चौपई, जिनसुन्दरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ. ५६२. गुणसुन्दरी चौपई, जिनोदयसूरि / जिनसुन्दरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७५३ सकतीपुर, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर ५६३. गुणसुन्दरी चौपई, विनयमेरुगणि / हेमधर्मगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६७ फतेहपुर, अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ५६४. गुणस्थानक्रमारोह, श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, प्रकरण, राजस्थानी, १६९८ महिमावती, 'आदि-सुरासुरनराधीशः...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा २०० खरतरगच्छ साहित्य कोश 45 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy