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५६५. गुणस्थान गर्भित जिन स्तव बालावबोध, शिवनिधानोपाध्याय / हर्षसार उ०, स्तोत्र,
राजस्थानी, १६९२ सांगानेर, 'अन्त-श्री हर्षसार शिष्योपाध्याय शिवनिधानेन...', अ. ह.
केशरियानाथ ज्ञान भं., जोधपुर ५६६. गुणस्थानकविचार चौपाई, साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-खामिय जिणवर चउविय भेय..., अन्त–गुणठाणानु ऐह विचार...', अ., ह.
संघ भं., पाटण, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ४४२ ५६७. गुणस्थानविवरण चौपई, कनकसोमगणि / अमरमाधिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी,
१६३१, 'आदि-पंच परमिट्ठ सिद्ध..., अन्त-संवत सोलहसइ वरस...', अ., ह. विजय
धर्मलक्ष्मी ज्ञान मन्दिर, आगरा, खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ५६८. गुणस्थानशतक स्वोपज्ञटीका, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, प्रकरण, प्राकृत-संस्कृत,
१८वीं, मु., अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा ५६९. गुणानुरागकुलक, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १४वीं, अ., ह. ज्ञान भं.
लींबड़ी, संघ भं., पाटण ५७०. गुणावली चौपई, अभयसोमगणि / सोमसुन्दर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७४२ सोजत,
उदयचन्द संग्रह रा.प्रा.वि.प्र.. जोधपर ५७१. गुणावली चौपई, जिनोदयसूरि / जिनसुन्दरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७७३,
'आदि-पुरसादानीपासजिनं..., अन्त-गाया गाया रे में सतीतणा गुण गाया...', अ., ह.
जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर ४०९, विनय. प्रतिलिपि ५७२. गुणावली चौपई,लब्धोदय / ज्ञानराज उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७४५ उदयपुर, अ., उ.
जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ११८६ ५७३. गुरुगुणषट्त्रिंशिका बालावबोध, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, प्रकरण, राजस्थानी,
१८वीं, आदि-प्रणम्य परमात्माननं..., अन्त-श्रीमत्खरतरगच्छे...', मु., अध्यात्म ज्ञान प्रसारक
मण्डल ५७४. गुरुगुणाष्टक स्तोत्र, क्षमाकल्याणोपाध्याय / अमृतधर्म उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १९वीं, अ., ह.
हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ५७५. गुरुदुःखितवचन, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, काव्य, संस्कृत, १६९८
अहमदाबाद, 'आदि-क्लेशोपार्जितवित्तेन... गा. १९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. ४१७ ५७६. गुरुपट्टावली, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, गुर्वावली, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि
प्रणमु पहिली श्री वर्धमान..., अन्त–पातसाहि अकबर प्रतिबोधियउ...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ८४३, ह. अभय ग्र., बीकानेर
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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