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________________ ५१३. खोज की पगडंडियाँ, कान्तिसागर / सुखसागर उ० - जिनकृपाचन्द्रीय, इतिहास, हिन्दी, २१वीं, मु., भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली ५१४. गजभञ्जन कुमार चौपाई, मुनिप्रभ / जिनचन्द्रसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १६४३ बीकानेर, ' आदि - सरसति सामिणि पणमिसु देवी..., अन्त - दान पसायइ लहीयइ रिद्धि...', अ., ह. अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर, विनय प्रतिलिपि ५१५. गजल - आगरा गजल, लक्ष्मीचन्द, गजल, हिन्दी, १७८०, 'आदि- सरसति मात सुभावानीक, अन्त-संवत सतरैसे एसीयाक...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत ५१६. गजल- उदयपुर गजल, खेतल / दयावल्लभ, गजल, हिन्दी, १७५७, 'आदि-जपुं आदि इकलिंगजी..., अन्त - खरतर जती कवि खेताक...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. अभय ग्र. बीकानेर, विनय प्रतिलिपि ५१७. गजल - कामिनी गजल, महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि ) / जिनचन्द्रसूरि, बेगड़, गजल, राजस्थानी, १८वीं, ‘आदि-देखी कामिणी इक खूब... गा. ४२', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं. जैसलमेर गुटका नं. ४१५ ५१८. गजल- गिरनार गजल, कल्याण, गजल, राजस्थानी, १८२८, 'आदि-वर दे मात वागेसरी, अन्त - खरतर पती है सुप्रमाण कवियुं कहत है कल्याण...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. हीराचन्द्रसूरि संग्रह, बनारस ५१९. गजल - चित्तौड़ गजल, खेतल / दयावल्लभ, गजल, हिन्दी, १७४८, 'आदि-चरण चतुर्भुज लाई चित...., अन्त-पढौ ठीक बारीक स्यु पंडिता रे...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. अभय ग्र., बीकानेर ५२०. गजल - डीसा गजल, देवहर्ष / भानुचन्द्रगणि, गजल, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-चरण कमल गुरु लायचित..., अन्त - सुणतां मङ्गलमाल देव कुशलगुरु वंछित दाता...', अ., ह. बीकानेर अभय ग्र., ५२१. गजल- पाटण गजल, देवहर्ष / भानुचन्द्रगणि, गजल, राजस्थानी, १८५९, 'आदि - सरस वचन द्यो सरसती..., अन्त- गाइ गजल गुनमालाक...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ५२२. गजल - बीकानेर गजल, उदयचन्द्र, गजल, राजस्थानी, १७६५, 'आदि सारद मन समरूं सदा..., अन्त-प्रतपो जां लगे रचि चंद कहता जती उदयचंद ...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. अभय ग्र., बीकानेर ५२३. गजल - मरोट गजल, दुर्गादास / विनयाणंदगणि, गजल, हिन्दी, १८६५, 'आदि-संवत सतरे पेसठे..., अन्त- आग्रह दीपचन्द उल्लास...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं, सूरत, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - ३, पृ. १४१२ ५२४. गजसिंह चरित्र चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७०८, अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर 42 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jalnelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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