________________
हास्त्रि प्रवर्गः ८] मणिप्रभायालयासहितः ।
१ विस्फा धनुषा स्थानः २ पहाडम्बरी समौ । ३ प्रमभंतु बरकारो हठोऽयमनलतं छलम् । १०८॥ ५ अजय क पाल : नवम्। ६. मूछा .मल मोहोऽप्यनार्दन्तु पीडनम् ।। १०९।। ८. यवस्कम्पने स्वादावादनं ९ बिलको जयः। १० शुद्धि. प्रतीकारी वेरनिर्यातनं च सा ।। ११०॥ १६ प्रदादावापसंदाधा विद्रवो द्रवः ।
अपकमोऽपयानं च
५ विस्फारः (पु), 'धनुषके टङ्कार' का । नाम है ॥ २ पटहः, बाडम्बरः (२ पु), 'नमाड़ा या दमदमा' के २ नाम हैं। ३ प्रसमम् (न), बलात्कार, हठः (२) 'जबर्दस्ती करने के नाम है।
४ स्खलितम, छलम (२२), 'कपट करने' अर्थात् युद्ध के नियमको तोड़कर' छल करने के २ नाम हैं ॥
५ अजन्यम् (न), उत्पाना, उपसर्गः (२ पु), उत्पात' के ३ नाम हैं।
मूर्छा (स्त्री), कश्मलम् (न), मोहः (पु), 'बेहोशी, मुच्छों के ३ नाम हैं।
अवमर्दः (पु), पीडनम (न), 'अन्नादिसे परिपूर्ण देशको राजाके शत्रु द्वारा पीड़ित करने के २ नाम हैं।
८ अभ्यवस्कन्दनम् ( + अवस्कन्दनम् ), अभ्यासादनम् (+ धाशि, घाटी । २ न) भा० दी. के मत से 'मारकर शक्तिहीन' करने के और महे. के मतो 'छापा मारने' अर्थात् कपटसे एकाएक आक्रमण करने के २ नाम है। ('+ लौष्टिकम् (न)'रातमें छापा मारने का । नाम है)
९ विनमः, जयः (२ पु), 'जीतने के २ नाम हैं ।
१० वैरशुद्धिः (स्त्री), प्रतीकारः (पु) वैरनिर्यातनम् (न), शत्रुताको दूर करने के ३ नाम हैं।
११ प्रद्रावः, उदावः, संद्रावा, संदावा, विद्रवः, द्रक, अपकमा (पु), अपमानम् (न), लड़ाई में पोठ दिखजाने (भागने ) के नाम हैं।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org