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क्षस्त्रियवर्गः ८] मणिप्रभाव्याख्यासहितः । १ मदोत्कटो मदकलः २ कलभः करिशावकः ॥ ३५ ॥ ३ प्रभिन्नो गर्जितो मत्तः ४ समावुद्वान्तनिर्मदो।
"राजवाह्यस्त्वोपवाह्यः ६ सन्नाहः समरोचितः' (२५) ७ हास्तिकं गजता वृन्दे ८ करिणी धेनुका क्शा ॥ ६ ॥ • गण्डः कटो १०मदोदानं ११ वमथुः करशीकरः । ११ कुम्भौ तु पिण्डौ शिरस:
1 मदोत्कटा, मदकलः (२ पु), 'मतवाले हाथी' के २ नाम हैं ।
२ कलभः (+करमा), करिशावकः (पु), 'तीस वर्षसे कम उम्रपाले हाथीके बच्चे के २ नाम हैं ।
३ प्रमिनः, गर्जितः, मत्तः (३ पु), 'जिसका मद गिर रहा हो उस हाथी' के ३ नाम हैं।
४ उद्वान्तः, निर्मदः (२ पु), "जिसका मद गिरकर समाप्त हो गया हो उस हाथी' के २ नाम हैं ।
५ [ राजवाह्यः, औपवाह्यः ( + उपवाह्यः । २ पु), 'राजाके चढ़ने योग्य हाथी' के नाम हैं ] ॥
[ समाह्यः, समरोचितः (२ पु), 'लड़ाईके योग्य हाथो' के १ नाम है॥
७ हास्तिकम् (न), गजता (स्त्री), 'हाथियोंके झुण्ड' के २ नाम हैं।
करिणी, धेनुका, वशा ( ३ स्त्री), 'हथिनी' के ३ नाम हैं ।
९ गण्डः (भादी०), कटः (१ पु), 'हाथीके गाल' के २ नाम हैं। ('उपलक्षण होनेसे प्राणिमात्र के गाल के भी ये दो नाम हैं)॥
१. मदः (पु), दानम् (न), 'हाथोके मद' के २ नाम हैं।
११ वमधुः, करशीकरः (२ पु), 'हाथीके सूंडसे निकले हुए पानीके छोटे' के नाम हैं।
१२ कुम्भः (पु), हाथोके मस्तकके ऊपरवाले दोनों मांस-पिण्डों का नाम है ॥
१. अयं क्षेपकांश क्षीरस्वामिब्याख्याने दृश्यते ॥
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