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________________ [१२] विरोधी आयौंने 'अमरकोष' के अतिरिक्त सब ग्रन्थों को पानी में डुबो दिया' किन्तु यह बात निराधार होनेसे प्रामाणिक नहीं समझी जा सकती । लिङ्गानुशासन के श्लोकोंको प्रायः पाणिनिसूत्रके आधार पर इन्होंने लिखा है, इससे तथा 'अमरसिंहस्तु पापीयान् सर्वं भाष्यमचूचुरत्' । इस श्लोक के आधारपर व्याकरण शास्त्रमें इनका पाण्डित्यप्राखर्यं अनाच्छन है, किन्तु उक्त श्लोकद्वारा इनपर भाग्यचौर्यका दोष लगाना ईर्ष्याकृत मालूम पड़ता है, क्योंकि ग्रन्थ के प्रारम्भ में ही 'समाहृत्यान्यतन्त्राणि संक्षिप्तैः प्रतिसंस्कृतैः ( ११२ ) इस वचनद्वारा ये उक्त दोष मुक्त हो चुके हैं और उक्त दोषाभाव में दूसरी बात यह भी है कि यदि भाष्यकार 'घञन्त-अबन्त' शब्दोंको पुंल्लिङ्ग लिखते हैं, तो गतानुगतिक या चौर्यदोष के भय से बादका कोई भी ग्रन्थकार स्त्री तो लिख नहीं सकता, अतः यदि वह पुंलिङ्ग लिखे तब उसपर चौर्यदोषारोपण न कर इन्हें भाष्यमतप्रचारकका श्रेय मिलना ही उचित प्रतीत होता है । इसीप्रकार भानुजिदीक्षितने 'गौतमाबन्धु (१।१।१५ ) की स्वनिर्मित 'याक्या सुधा' टीका में यद्यपि 'वेदविरुद्धार्थानुष्ठातृस्वाज्जिन शाक्यौ नरकवर्गे वक्तुमुचितौ तथापि देवविरोधित्वेन बुद्धबुपारोहादत्रैवोको' अर्थात् 'वेदविरुद्ध अर्थानुष्ठान के कारण 'जिन और शाक्य' को पद्यपि 'नरकवर्ग' में कहना उचित था, तथापि देवविरोधी होने से बुद्धिस्थ होने के कारण ये यहींपर कहे गये हैं' ऐसा कहा है, किन्तु इस श्लोक के आधारपर जिन बुद्ध भगवान् की गणना भगवान् कृष्णके दश अवतारों में है, तथा जिन्हें वैष्णवभक्तवरेण्य 'जयदेव' - जैसे श्रेष्ठ विद्वान् भी कृष्ण भगवान्का अंश 'मानकर नमस्कार करते है, उन 'बुद्ध' के लिये 'नरकवर्गे, देवविरोधित्वेन' इन शब्दों का प्रयोग करना नितान्त अनुचित प्रतीत होता है । ... १. 'वेदानुद्धरते जगन्ति वहते भूगोल मुद्विभ्रते दैत्यान् दारयते बलिं छलयते चरत्रचयं कुर्वते । पौलस्त्यं जयते हलं कलयते कारुण्यमातन्वते उले छान्मूर्च्छयते दशाकृतिकृते कृष्णाय तुभ्यं नमः ' ॥ Jain Education International गीतगोविन्द ।।१२ ॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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