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किचन
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नित्यवैरिन्
नकिंचन वि० अति दरिद्र-गरीब नकुल पुं० जुओ पृ० ६११ ।। नक्तमाल पुं० एक वृक्ष (करंज) नसायुध पुं० वाघ नगराध्यक्ष पुं० मुख्य पोलीस अधि
कारी; कोटवाळ नग्नाचार्य पं. बंदीजन; चारण नचिकेतस् पुं० जुओ पृ० ६११ नचिर वि० लांबो समय नहि तेवू नटांगनान्यायः जुओ पृ० ६३३ नड्बल न० पुष्कळ बरुवाळो प्रदेश नमनीय वि० आदरणीय नमचि पं० जुओ पृ० ६११ । नयनत्व न० आंखोनी दशा-स्थिति नरक पुं० जुओ पृ० ६११ [६११ नरनारायणौ पुं० द्वि० व० जुओ पृ० नद्धि (न + ऋद्धि) पुं० आपत्ति; तंगी नल पुं० जुओ पृ० ६११। नलकूबर पुं० जुओ पृ० ६११ नष्टाश्वदग्धरथन्यायः जुओ प० ६३३ नस्थ न० छींक लावे तेवी वस्तु न हि विवाहान्तरं वरपरीक्षा जुओ
पृ० ६३३ न हि सहस्रेणाप्यन्धैः पाटच्चरेभ्यो गृहं
रक्ष्यते जुओ पृ० ६३३ । नहुष पुं० जुओ १० ६११ नह्येष स्थाणोरपराधो यदेनमन्धो न
पश्यति जुओ पृ० ६३.३ नंद पुं० जुओ पृ० ६११ नंदनवन जुओ पृ० ६१२ नंदिग्नाम घु० जुओ पृ० ६१२ नंदिनी स्त्री० जुओ पृ० ६१२ नंद्यावर्त पुं० एक आकृति (२) ते
आकृतिमां बांधेलु मकान (पश्चिममा द्वार न होय तेवू) (३) ते आकारपात्र-थाळी
नाकनायक पुं० इंद्र नाकिन् पुं० देव नागकेतु पुं० कर्ण नागराज पुं० मोटो हाथी (२) शेषनाग नाडीचक्र न० शरीरमां (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर इ०) नाडीओनां १६ चक्रोनो समूह नापितोच्छिष्टता स्त्री० हजामत पछी
स्नान न करवू ते नामत्याग पुं० नाम छोडी देवं ते नायकायते आ० (हारना मध्यमणिनो भाग भजववो ते; आगेवाननो भाग भजववो ते) नारक पुं० नरक (२) नरकनो जीव नारद पुं० जुओ पृ० ६१२ नारायण पुं० जुओ पृ० ६१२ नार्पयति (राजाने सोंपी देवें-मिलकत) नावनिक वि० नवम नासत्ययुग न० सत्ययुग (२)बे अश्विनी
कुमारनुं जोडक नास्तिक्य न० नास्तिकपणुं निकुलीनका, निकुलोनिका स्त्री० वंश
परंपरामां आवेली कोई पण कळा; विशिष्ट कोन के जातिनी कळा (२)
ऊडवानी एक रीत निक्षेपकणिक पं० जेने त्यां मालसामान थापण तरीके मूकवामां आवे तेवो वेपारी निगडयति प० (सांकळथी जकडवूनिगुप् संताडवू; छुपावq निग ६ प० गळी जवं; खाई जर्बु निग्रंथि पुं० पुस्तकनु पूर्छ मिजबोध पुं० आत्मज्ञान; अध्यात्म ज्ञान नितांतकठिन वि० तीव्र नित्ययुक्त वि० निरंतर लवलीन रहेतुं नित्यवैरिन् वि० सनातन शत्रु
बांधवू)
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