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हर्ष पुं० 'नागानंद', 'रत्नावली', अने 'प्रियदर्शिका' ए त्रण नाटकोनो कर्ता. माळवाना हर्ष राजाए पोते आ नाटको लख्यां कहेवाय छे. पण धावक' अने बाण जेवा तेना दरबारी कविओए लख्यां हशे एम मनाय छे. हलायुध पुं० 'कविरहस्य' (धातुओनो कोष) नो कर्ता. साथे साथे तेमां राष्ट्र कट राजा कृष्णराज त्रीजा (ई. स. ९४०- ९५६)नां गुणगान चाले छे. तेनो बीजो ग्रंथ 'अभिधानरत्नमाला' (कोष). ते दशमा सैकामां थई गयो. हस्तिन् पुं० चंद्रवंशी पुरुकुलोत्पन्न एक
राजा. तेणे हस्तिनापुर स्थापेलं. हस्तिनापुर न० 'हस्ती' राजाए स्थापेलं नगर; कौरवोनी राजधानी. मीरतथी अग्निखूणे २२ माईल दूर, तथा बिजनोरथी नैऋत्य खुणे गंगाना दक्षिण किनारे आव्युं हतुं. अत्यारे
गंगाना प्रवाहमां नामशेष थई गयुं छे. हिडिब पुं० एक राक्षस. भीमे तेने मारेलो.
ह्लादिनी हिडिंबा स्त्री० हिडिंब राक्षसनी बहेन. भीमनुं रूप देखी मोहित थई तेने
परणी. घटोत्कच तेनो पुत्र. हिरण्यकशिपु पुं० प्रह्लादनो पिता राक्षस राजा. कश्यप-दितिनो पुत्र. नृसिंहरूप धरी विष्णुए तेनो वध कर्यो. हिरण्यबाहु पुं० शोणनद. हिरण्याक्ष पुं० हिरण्यकशिपुनो भाई.
तेने वराहअवतार लई विष्णुए मार्यो. हूण पुं० हिन्दुस्ताननी वायव्ये आवेलो __ एक देश अने तेना लोक. हेमकट पुं० हिमालयनी उत्तरे आवेलो एक पर्वत. कालिदास तेने पूर्व अने पश्चिम सागरने स्पर्शतो कहे छे. कैलास पर्वतनुं बीजु नाम.. हैहय पुं० खानदेश, औरंगाबाद अने दक्षिण माळवानो भाग मळीने बनतो प्रदेश. तेने 'अनुप देश' पण कहे छे. तेनी राजधानी माहिष्मती. हादिनी, ह्लादिनी स्त्री० पश्चिमे केकय अने पुर्वमां शतद् (सतलज) नदी वच्चे आवेली नदी. केकयथी अयोध्या जतां भरतने ते ओळंगवी पडली.
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