________________
ते
साहसिक
५५५
सापरायिक साहसिक वि० अत्याचारी; जुलमी; सांग्रामिक वि० युद्ध संबंधी; लश्करी (२) क्रूर (२)बहादुर; साहसवाळू; अवि- न० युद्धनी सामग्री चारी (३) पुं० साहस करनारो- सांतर वि० वच्चे खाली जगा होय तेवू अविचारी-मरणियो माणस (४) (२) आछा वणाटवाळू (३) स्थिर लूटारु; बदमाश (५)व्यभिचारी (६) के दृढ नहि तेवू [आपq न० साहसभर्यु कृत्य [जबरी सांत्व १० उ० सांत्वन करवू; आश्वासन साहसिक्य न० साहसिकपणुं (२)बळ- सांत्व पुं०, न०, सांत्वन न०, सांत्वना, साहस्र वि० हजार संबंधी (२)हजारर्नु सांत्वा स्त्री० आश्वासन; शांत पाडQ बनेलं (३) हजारन खरीदेखें (४)हजार
सुदामाना गुरु) गणुं (५)पुं० हजार माणसनी लश्करी सांदीपनि पुं० एक ऋषि (श्रीकृष्ण अने टुकडी (६)न० हजारनो समूह ... सांद्र वि० निबिड ; गाढ (२) विपुल; साहायक न० मदद ; सहाय (२) मैत्री
जाडु; घj (३) एक साथे - जूथमां (३) सहायक सैन्य
होय तेवू (४) मजबूत; स्थूल (५) साहाय्य न० मदद (२)मैत्री (३) मुश्के
पुष्कळ; घj (६) तीव्र (७) चीकj लीमां मदद करवी ते
(८) लीसु; सुंवाळु (९)झाडी; जंगल साहित्य न० समुदाय ; मंडळ (२)काव्य
सांद्रीकृत वि० गाढुं - जाडु बनावेलं रचना के तेवी बीजी साक्षरी रचना
(२) वधारेलु (३) काव्यशास्त्र (४)साधनसामग्री
सांघ वि० संधि - सांधा आगळ आवेलं साझ न० मंडळ ; समाज (२)मदद।
सांधिविग्रहिक पुं० संधि अने युद्ध माटेनो साह्न वि० नामर्नु; नामे ओळखातुं
प्रधान; परदेश मंत्री [प्रातःकाळ, साह्वय पुं० जानवरोनी साठमारी; ते उपर खेलातो जुगार
सांध्य वि० संध्या समयनु; सांज-(२)
सांनहनिक वि० कवचधारी (२) युद्ध सांकर्य न० संकरता; भेळसेळ
माटे तैयार थवा प्रेरनारु सांकूजित न० घणां पंखीओना कूजननो मिश्र, मोटो अवाज
सांनाय्य पुं० घी साथे मेळवेलुं अने सांकेतिक वि० सूचक; प्रतीक रूप (२)
अग्निने बलि तरीके आपवा- होम द्रव्य संकेतथी ठरावेलं; रूढिथी ऊभं थयेलं
सांनाहिक वि० जुओ 'सांनहनिक' . सांख्य वि० संख्या संबंधी (२)गणतरी
सांनिध्य न० पडोश; नजीकपणुं (२) करनारुं (३) तर्कप्रवीण (४) विवेक
हाजरी; मोजूदगी करनारुं (५) पुं०, न० छ वैदिक दर्शनो
सांनिपातिक वि० परचूरण (२)गूचवणी मांनुं कपिले प्रवविलु दर्शन (६)
भरेलु (३) शरीरनी त्रण धातुओनी पुं० सांख्य दर्शननो अनुयायी
गूंचवणिया विकृति थवाथी थयेलं सांग वि० अंग- अवयववाळू (२) दरेक
सांपराय वि० युद्ध संबंधी (२) परअंगमां पूरु (३) छ अंगो सहित (४)
लोक संबंधी (३) पुं०, न० झघडो; पूर्ण - पूरुं थयेलं
तकरार (४) परलोक; परलोकसांगतिक पुं० मुलाकाती; महेमान
जीवन (५) परलोक प्राप्त करवानो सांगत्य न० संगति ; मिलन
मार्ग - साधन (६) मददनीश (७) सांगोपांग वि० अंग अने उपांग सहित विपत्ति; आफत (वेदोनो पूरो अभ्यास करवो) सांपरायिक वि० युद्ध संबंधी (२)लश्करी
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org