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सारसक
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सावलौकिक सरोवरन (३)पुं० ते नामर्ने एक पक्षी सारूप्य न० समान रूप के आकृति होवी (४) हंस पक्षी (५) पक्षी (६) ते (२) सरूपता; सदृशता (३)(चार चंद्र (७) न० कमळ (८) स्त्रीनो मुक्तिओमांनी एक) देव साथे एकरूप कमरबंध; कंदोरो
थई जq-भळी जq ते सारसक पुं० चक्रवाक
सार्गल वि० रोकायेखें; अटकावायेलं सारसन न० स्त्रीनो कंदोरो (२) योद्धानो सार्थ वि० अर्थवाळू (२) हेतुवाळु (३)
कमरपट्टो (३) छाती उपरतुं बखतर समान अर्थवाळं (४) उपयोगी (५) सारसाक्ष न० एक रत्न
पैसादार (६) पुं० धनी; पैसादार (७) सारसाक्षी स्त्री० कमळ जेवां नेत्रवाळी वेपारीओनी वणजार (८) माणसोनो स्त्री
[चक्रवाकी काफलो- संघ (९) प्राणीओ- टोळू सारसिका स्त्री० सारस पक्षीनी मादा(२) (१०) टोळं; समुदाय सारसी स्त्री० सारस पक्षीनी मादा सार्थक वि० उपयोगी (२) अर्थवाळू सारस्य न० बूम ; पोकार (२) पुष्कळ सार्थवाह पुं०, सार्थवाहन पुं० वणजापाणी होवू ते
रनो मुखियो; मुख्य वेपारी सारस्वत वि० सरस्वती देवी संबंधी सार्थहीन वि० वणजारमांथी पाछळ रही (२)सरस्वती नदी संबंधी(३)वक्तृत्व- · गयेलं; वणजारे पाछळ छोडी दीधेलु शक्तिवाळु (४) पुं० सरस्वती नदीनी साथिक वि० -साथे मुसाफरी करतुं (२) आसपासनो प्रदेश (५) ब्राह्मणनो एक पुं० वेपारी (३) मुसाफरीनो साथी वर्ग (६) वाणी; वक्तृता
साई वि० भीन सारंग वि० काबरचीतरु(२)पुं० काबर- सार्घ वि० अर्धा जेटलं वधारे होय चीतरो वर्ण (३) काबरचीतरो मृग तेवं (उदा० 'सार्धशतम्'-१५०) (४) मृग (५) हाथी (६) मधमाखी सार्थम् अ० साथे; सोबतमां (७) काळो भमरो (८) सिंह (९) सार्प पुं० आश्लेषा नक्षत्र कोयल (१०)मोर(११) शंख (१२) सार्व वि० सामान्य; सार्वत्रिक (२) कामदेव (१३) चंदन (१४) भक्त बधांने माफक आवे तेवू (३)पुं० बौद्ध (१५) एक राग
के जैन भिक्षु
[करनारुं सारंगी स्त्री० एक तंतुवाद्य (२)काबर- सार्वकामिक वि० बधी इच्छाओ पूरी चीतरा वर्णनी मृगली
सार्वजनिक, सार्वजनीन वि० सर्व माटेनें; सारासार वि० कीमती अने किंमत सर्वने उपयोगर्नु पडे तेवं विनानु; कामनुं अने नकामु (२) सार्वत्रिक वि० दरेक स्थळy; बधे लागु मजबूत अने नबळं [एक पक्षी सार्वभौतिक वि० बधां भूतो के भूत सारि स्त्री० सोगर्छ; शेतरंजनुं महोरु(२) प्राणीओ संबंधी सारिका स्त्री० मेना जेवू एक पंखी (२) सार्वभौम वि० आखी पृथ्वीने लगतुं तंतुवाद्यना तार जेना उपरथी पसार (२) मननी बधी भूमिकाओने लगतु थाय छे ते पुल
वाळू (३) चक्रवर्ती राजा(४) कुबेरनी उत्तर सारिन् वि० जतुं सरतुं (२)-ना सार
दिशानो दिग्गज सारिष्ठ वि० सौथी सारं
सार्वलौकिक वि० बधा लोको जाणता सारी स्त्री० जुओ 'सारि'
होय तेवू; बधे प्रवर्ततुं; सार्वत्रिक
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