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सामान्यतः ५५२
सारस सामान्यतः अ० सामान्यपणे
सायंप्रातर् अ० सांजे अने सवारे सामान्यप्रतिपत्तिपूर्वकम् अ० समान सायाह्न पुं० सांज आदरथी [धंधानो करारपत्र
सायुज्य न० भळी जवू - एकरूप थई सामायिक न० समभाव (२) सहियारा __ जवं ते (चार प्रकारनी मुक्तिमांथी सामासिक न० समासोनो आखो समूह एक) (२) सरखापणुं सामि अ० अधु; अधूरुं होय तेम (२)
सायुध्य वि० शस्त्रसज्ज एवं घृणापात्र होय तेम (३) बहु वहेलं; सार वि० अगत्यन; तत्त्वरूप (२)उत्तम; समय पहेलां
श्रेष्ठ (३)साचुं; खरु (४)समर्थ; दृढ सामिषेनी स्त्री० यज्ञाग्नि प्रगटावती (५)बरोबर पुरवार थयेलु (६) (समावखते बोलवानी ऋचा (२) समिध
सने अंते) सौथी सारं; श्रेष्ठ (७)न्यायी सामिष वि० मांसयुक्त; मांस साथेनुं (८)हांकी काढनारं; दूर करनारं(९) सामीप्य न० समीपता; पासे होवापणुं पुं०, न० अर्क; कस; सत्त्व (१०) सामुदायिक वि० समुदायतुं ।
मज्जा(११)वृक्षनो रस (१२) संक्षेप सामुद्र वि० समुद्रनुं; समुद्रमांथी नीप- तात्पर्य (१३) बळ; शक्ति (१४) जेलं (२) पुं० वहाणवटी; दरियाई दृढता (१५)धन; मिलकत (१६)न० वेपारी (३)न० शरीर उपरनुंसामुद्रिक पाणी (१७)पोलाद चिह्न के लक्षण
सारक वि० रेचक सामुद्रिक वि० समुद्रथी नीपजेलं (२) सारगात्र वि० मजबूत अवयवोवाळं समुद्रनी मुसाफरी करतुं; समुद्र मार्गे सारगुरु वि० वजनने कारणे भारे एवं वेपार करतुं (३) शरीर उपरनां सारघ न० मध लक्षणो संबंधी (जे उपरथी सारं के सारज न० ताजु माखण [मदी खराब नसीब भाखवामां आवे छे) सारणि स्त्री० नहेर; नीक (२) नानी साम्ना अ० खुशीथी
सारणिक वि० मुसाफरी करतुं(२)पुं० साम्य न०, साम्यता स्त्री० सरखापणुं प्रवासी; वटेमाणु (३) प्रवासी वेपारी सादृश्य (२) समानभाव (३) मेळ ; सारणी स्त्री० जुओ सारणि' सुसंगतता (४) निष्पक्षता; तटस्थवृत्ति सारतरु पुं० केळ साम्यतालविशारद वि० संगीतना ताल सा रतस् अ० धन प्रमाणे (२)बळपूर्वक
अने संगतमां कुशळ [भौम राज्य (३) जात प्रमाणे साम्राज्य न० सार्वभौमत्व (२) सार्व- सारथि पुं० रथ हांकनार (२) मददनीश साय पुं० संध्याकाळ;सांज(२)अंत(३)बाण साथी (३) मार्गदर्शक (४)महासागर सायक पुं० बाण (२) तलवार सारथ्य न० सारथिपणुं सायकपुंख पुं० बाणनोपींछांवाळो भाग सारफल्ग वि० उत्तम अने हलकुं सायण पुं० वेदना सुप्रसिद्ध भाष्यकार सारभांड न० वेपार माटेनो माल (ई० स० १३७०)
सारमेय पुं० कूतरो सायधूर्त पुं० सांज रूपी ठग (२) चंद्र सारमेयी स्त्री० कूतरी सायम् अ० सांजे; संध्याकाळे
सारव वि० सरयु नदीनुं सायंकाल पुं० सांजनो समय
सारशन न० जुओ 'सारसन' सायंतन वि० संध्या समयनुं
सारस वि० बूम पाडतुं ; बोलावतुं(२)
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