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अयुग्मनेत्र अयुग्मनेत्र, अयुग्मलोचन पुं० (त्रण
आंखवाळा) शंकर अयुग्मशर पुं०(पांच बाणवाळो कामदेब अयुत वि० जुएं करायेल; नहि जोडा
येलु (२) न० दश हजारनी संख्या । अये अ० 'हे' ए अर्थन प्रेमसंबोधन (२) आश्चर्य, विस्मय, क्रोध, शोक, भय, स्मरण, थाक इ० नो भाव दर्शावे छे अयोग्य वि० अघटित; अनुचित (२) नकामुं; निरुपयोगी (३) प्रतिकूळ; बंध न बेसतुं अयोधन पुं० हथोड़ो; घण। अयोजाल न० लोढानी जाळी अयोध्य वि० हुमलो के सामनो न करी
शकाय तेवू अयोनि वि० अनादि; उत्पत्तिरहित (२) योनि द्वारा न जन्मेलं (३)शास्त्रविधि प्रमाणेना लग्नथी नहि जन्मेलं (४) जेना कुळनी खबर नथी तेवं अयोनिज, अयोनिजन्मन् वि० सृष्टिक्रम प्रमाणे गर्भमांथी नहीं जन्मेलु अयोनिजा, अयोनिसंभवा स्त्री० सीता । अयोमुख पुं० बाण क्रूर ; निर्दय अयोहृदय वि० लोढा जेवा हृदयवाळं; अर वि० उतावळं; वेगी (२) अल्प; थोडु (३) जतुं ; जनाएं (समासने छेडे) (४) पुं० पैडानो आरो अरघट्ट, अरघट्टक पुं० रेंट अरज, अरजस्, अरजस्क वि० धूळ वगरनु (२) मेलुं नहि तेवू; स्वच्छ (३) रजोगुण विनानु (४) ऋतुस्राव प्राप्त न थयो होय तेवु पथ्थर अरणि पुं० सूर्य (२) अग्नि(३) चकमकनो अरणि पुं०, स्त्री०, अरणी स्त्री०
घसीने अग्नि उत्पन्न करवा वपरातो .. लाकडानो टुकडो (शमी वृक्षनो) अरणीसुत पुं० शुकदेव (२) अग्नि . अरण्य न० जंगल; वन ।
अरिष्ट अरण्यचर वि० जंगली अरण्यचंद्रिका स्त्री० (अरण्यमां चांदनी
जेवी) व्यर्थ शोभा अरण्यरुदन, अरण्यरुदित न० (अरण्यमां रडवा-बूम पाडवा जेवो,व्यर्थ विलाप; व्यर्थ प्रवृत्ति (२) वानप्रस्थ अरण्यवासिन् वि० अरण्यमां रहेनालं अरण्यौकस वि० जंगलमा रहेनारुं (२) वानप्रस्थ अरति वि० असंतुष्ट; उद्विग्न (२) निरुत्साही; मंद (३) स्त्री० अप्रीति; अणगमो (४) उद्वेग ; शोक (५) असंतोष ; चित्तनी अस्वस्थता अरनि पुं०, स्त्री० कोणी (२) एक हाथर्नु माप (कोणीथी टचली आंगळीना छेडा सुधी-) (३) हाय अरम् अ० जलदी; तरत ज; हमणां ज अरर न० बारj (जोडमांनु दरेक) अरविंद न० कमळ (लाल के नील) अरविंदिनी स्त्री० कमलिनी (२) कमलसमह (३) कमलनं सरोवर के तलाव अरसिक वि० नीरस (२) लागणी वगरन
(३) रसनी कदर न करी शके तेवू अराजक वि० राजा विनानं; अंधा
धूंधीवाळं अरात् अ० तत्काळ ; जलदी अराति पुं० शत्रु; दुश्मन अराल वि० वांकुंकु (२) वांकवाळू (३) पुं० वांको वळी गयेलो हाथ (४) मदोन्मत्त हाथी अरालकेशी स्त्री० वांकडिया वाळवाळी अरि पुं० शत्रु; दुश्मन अरित्र न० हलेसु (२) सुकान अरिष्ट वि० सुरक्षित; कुशळ (२) शुभ (३) अशुभप्रद (४) अविनाशी (५) पुं० शत्रु (६) अरीठान झाड (७) लीमडानुं झाड (८) मद्य; आसव (९) न० दुर्भाग्य ; संकट
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