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________________ सद् सत्थिन् सत्चिन् पुं० वारंवार यज्ञो करनारो गृहस्थ (२) यज्ञ करावनार ऋत्विज (३) शाळामां साथे भणनारो सत्त्व न० अस्तित्व; हयाती (२) सार; तत्त्व (३) गर्भ (४) प्राण; जीव (५) अंतःकरण (६) माल' ; मिलकत (७) महाभूत (८) सद्गुण (९) बळ; पराक्रम (१०) सत्यता; वास्तविकता (११) डहापण (१२) त्रण गुणोमांनो प्रथम (सत्त्व, रजस, तमस्) (१३) विशेषता; खासियत; सहज स्वभाव (१४) लिंग शरीर (१५) पुं०, न० प्राणी (१६) पिशाच; भूत सत्त्वयोग पुं० जीव मूकवो-जोडवो ते सत्त्वलक्षण न० सगर्भा होवार्नु चिह्न सत्त्ववत् वि० जीवतुं; चेतन (२)सार के तत्त्ववाळु (३) सत्त्वगुणी; सदाचारी (४) पराक्रमी ; बहादुर (५) पुं० देह सत्त्ववती स्त्री० सगर्भा सत्त्वविप्लव पुं० बेहोशी सत्त्वसंशुद्धि स्त्री० अंतःकरणनी शुद्धि सत्त्वात्मन् पुं० जीव; लिंगदेह सत्त्वानुरूप वि० पोताना सहज स्वभाव के प्रकृतिने अनुरूप (२)पोतानां साधन के संपत्ति अनुसारसत्पात्र न० योग्य के सद्गुणी माणस सत्पुत्र वि० जेने पुत्र छ तेवू (२) पुं० सदाचारी पुत्र (३) श्राद्धक्रिया करनारो पुत्र सत्प्रतिपक्ष पुं० हेत्वाभासनो एक प्रकार; बीजो समान हेतु विरुद्ध पक्षमां होय तेवो हेतु (न्याय०) सत्फलद पुं० बीलीनुं झाड सत्य वि० साचु; वास्तविक; खरं (२) वफादार; प्रमाणिक (३) पूर्ण - सिद्ध थयेलं (४) सद्गुणी; सदाचारी (५) अमोघ (६)पुं० पृथ्वीनी उपर आवेला सात लोकमांनो प्रथम (७) न० खरा पणुं; तथ्य; साची वात (८) सद्गुण; पवित्रता (९) वचन; प्रतिज्ञा (१०) चार युगोमांनो प्रथम ; कृतयुग (११) परमतत्त्व; परमात्मा [सत्यवादी सत्यपन वि० सत्यरूपी धनवाळू; पूरेपूरु सत्यपूत वि० सत्यथी पवित्र करेलु; साचुं सत्यभामा स्त्री० सत्राजितनी पुत्री अने श्रीकृष्णनी पत्नी सत्यम् अ० साचे ज; खरे ज सत्ययुग न० कृतयुग;चार युगमांनो प्रथम सत्यवती स्त्री० मत्स्यगंधा;व्यासनी माता सत्यवद्य वि० सत्यवादी सत्यसंगर, सत्यसंघ वि० सत्यवादी; सत्य प्रतिज्ञावाळं सत्यंकार पुं० बानु; करार पेटे अगाउ थी जे रकम अपाय छे ते सत्या स्त्री० सत्यभामा (श्रीकृष्णनी पत्नी)(२) सत्यवती (व्यासनी माता) सत्यानृत वि० साचुं अने जूठं(२) देखीती रीते साचुं पण खरेखर खोटुं (३) न० वेपार; वाणिज्य सत्याभिसंध वि० प्रतिज्ञा पाळनारं सत्याश्रम पुं० संन्यास सत्र न० यज्ञ चाले तेटलो गाळो (१३थी १०० दिवसनो) (२) यज्ञ (३)आहुति (४) वन; जंगल (५) वेश; सोंग सत्रप वि० शरमाळ; लज्जाळू सत्रम् अ० साथे; सहित सत्राजित् पुं० सत्यभामाना पिता सत्वर वि० झडपवाळू; वेगीलं सत्वरम् अ० उतावळे; झट; त्वराथी सत्समागम पुं० सारा माणसनी सोबत सत्संग पुं०, सत्संगति स्त्री०, सत्संनिधान न० सज्जननी सोबत सद् १५० [सीदति] बेस, (२) आडा पडवू; विश्रांति करवी (३) डूबवू; डूबी जq (४) रहेवू; वस, (५) खिन्न-हताश थर्बु (६) क्षीण थवू; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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