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श्लिष्ट
श्लिष्ट ('श्लिषू' नुं, भू० कृ० ) वि० भेटेलुं (२) वळगेलुं ( ३ ) अवलंबेलुं (४) श्लेष थतो होय तेवुं (५) बराबर चोटीने पहेरातुं होय ते श्लेष पुं० आलिंगन ( २ ) (३) संयोग; संबंध ( ४ ) बे अर्थमा शब्द वापरवाथी ऊपजतो अलंकार श्लेष्मन् पुं० कफ ( २ ) आंखनो पियो श्लोक १ आ० वखाणवुं ( २ ) काव्य
वळवं ते
रचj ( ३ ) ढगलो करवो; भेगुं करवु श्लोक पुं० काव्य वडे वखाणवं ते (२) वखानुं काव्य ( ३ ) प्रसिद्धि; कीति (४) अनुष्टुभनी कडी ( ५ ) पद; कडी श्वन् पुं० कूतरो
श्वपच् (च) पुं० चांडाल हीन कोटीनो बहिष्कृत माणस (२) फांसीगरो; जल्लाद
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श्वपाक पुं० चांडाल
श्वभ्र न० काणुं; छिद्र (२) गुफा ; खोल (३) नरक [ नोकरी श्ववृत्ति स्त्री० कूतरानुं जीवन ( २ ) श्वशुर पुं० ससरी
श्वशुरौ पुं० द्वि०व० सासु अने ससरो श्वशुर्य पुं० साळो (२) दियर श्वश्रू स्त्री० सासु श्वस् २ प० श्वास लेवो ( २ ) निसासो नाखवो; हांफ
श्वस् अ० आवती काले (२) भविष्यमां श्वसन पुं० पवन; हवा ( २ ) न० श्वासोच्छ्वास (३) निसासो ( ४ ) स्पर्श; स्पर्शनो विषय [ वायु श्वसनसमीरण न० श्वासोच्छ्वासनो श्वसित ( ' श्वस्' नुं भू० कृ० ) वि०
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श्वोवसीयस्
श्वास लेतुं (२) निसासो नाखतुं (३) न० श्वासोच्छ्वास (४) नि:श्वास श्वस्तन वि० आवती काल संबंधी (२) भविष्यनुं श्वान पुं० कूतरो श्वापद वि० जंगली; क्रूर - हिंसक - जंगली पशु ( २ ) वाघ श्वावराह वि० कूतरा अने सुवर वच्चेनं ( युद्ध; बेमांथी कोई पण मरे तो पण शिकारीने तो लाभ ज ) श्वाविधू पुं० साहुडी श्वास पुं० श्वासोच्छ्वास ( २ ) निःश्वास श्वासोच्छ्वास पुं० श्वास लेवो अने मूकवो ते [ समृद्ध थवं शिव १५० वधवं; सोजो आववो (२) श्वित् १ आ० सफेद थवुं श्वित्र न० सफेद कोढ शिवद् १ आ० [ श्विदते ] सफेद वं श्वेत वि० सफेद ; धोळं (२) पुं० सफेद रंग (३) शुक्र ग्रह (४) धूमकेतु श्वेतकाकीय वि० (सफेद कागडानी जेम) असाधारण; सांभळवामां न आवेलुं श्वेतच्छद पुं० हंस श्वेतद्वीप पुं० वैकुंठ श्वेतभानु पुं० चंद्र
श्वेतभिक्षु पुं० श्वेत वस्त्रधारी भिक्षु श्वेताचिस पुं० चंद्र श्वेताश्व पुं० अर्जुन श्वेतांबर पुं० जैनोमां सफेद वस्त्रधारी साधुन एक पंथ श्वेतिमन् पुं० धोळाश; धोळो रंग श्वोवसीय, श्वोवसीयस् वि० शुभ; मांगलिक (२) न० सुख सद्भाग्य
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