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श्रवपत्र
श्मश्रु न० मूछ (२) दाढी (वाळ) श्मश्रुप्रवृद्धि स्त्री० दाढी वधवी ते श्मश्रुल वि० दाढीवाळू श्यान ('श्यै' नुं भू० कृ०) वि० नमी गयेलं (२) गाईं; चीक[ (३) सुकाई गयेलं; पातळं थयेलं श्याम वि० शामळु धेरुं भूरु (२)पुं०
अल्हाबाद पासे यमुना तीरे आवेलो वड (२) तमालवृक्ष श्यामल वि० शामळं श्यामलिमन् पुं० काळाश श्यामा स्त्री० अंधारी रात (२)छाया;
छायडो (३) काळी स्त्री (४) युवानीनी मध्यमां आवेली स्त्री ; अमुक वर्ण-गुण वाळी स्त्री (५) संतान न थयेली स्त्री (६) प्रियंगुलता (७) कोयलनी जातनी एक पंखिणी श्यामाक पुं० सामो (धान्य) श्यामायते आ० (काळु थq; अशुद्ध
साबित थq; जेम के सोनुं इ०) श्यामिका स्त्री० काळाश (२)अशुद्धि मिश्रण (सोना वगेरेमां) श्यामित वि० काळं थयेलु श्याल पुं० साळो श्यालक पुं० साळो(२) दुष्ट साळो श्यालको, श्यालिका, श्याली स्त्री० साळी श्याव वि० काळाश पडता पीळा रंगनुं श्यावदत्, श्यावदंत वि० घेरा पीळा
रंगना दांतवार्छ श्येत वि० धोळं; सफेद श्यन पुं० शकरो बाज (२) सफेद रंग श्येनपात पुं० बाजे एकदम झडप
मारवी ते श्यनावपात पुं० जुओ 'श्येनपात' श्यनंपाता स्त्री० बाज पक्षी वडे शिकार
करवो ते (२) शिकार श्रद्दधान वि० श्रद्धावाळं श्रड वि० श्रद्धावाळं
श्रद्धा ३ उ०-मां विश्वास मूकवो (२) __ कबूल राख; हा पाडवी [इच्छा श्रद्धा स्त्री० आस्था; विश्वास (२) तीव्र श्रद्धालु वि० श्रद्धाथी भरेलु (२) तीव्र - इच्छा राखतुं(३)स्त्री० दोहदवाळी स्त्री श्रद्धेय वि० विश्वासने योग्य अपित वि० ऊकळेलं; उकाळेलू श्रम् ४ प० [श्राम्यति] महेनत करवी; प्रयत्न करवो (२) तपस्या करवी (३) पीडावं; कष्ट पाम, श्रम पुं० परिश्रम; प्रयत्न (२) थाक (३) दुःख, पीडा (४) तप (५) कसरत; लश्करी कसरत-कवायत (७) सखत अभ्यास (८) आश्रम श्रमजल न० परसेवो श्रमण वि० श्रम करनारुं (२) पुं० तपस्वी (३) भिक्षु (जैन के बौद्ध) धमणायते आ० (भिक्षु के तपस्वी थg) श्रमसलिल न०, श्रमसीकर पुं० परसेवो श्रमांबु न० परसेवो श्रव पुं० सांभळq ते (२) कान श्रवण पुं०, न० कान (२) पुं० एक नक्षत्र (३) न० सांभळवू ते (४) अभ्यास (५) कीर्ति इंतेजारी श्रवणकातरता स्त्री० सांभळवानी भवणगोचर वि० सांभळी शकाय तेवा अंतरमां आवेलु (२)पुं० कान सांभळी शके तेटलं अंतर श्रवणपथ पुं० काननो सांभळवानो मार्ग श्रवणपरुष वि० कानने कठोर लागे तेवू (२) सांभळवं मुश्केल श्रवणपालि(-ली) स्त्री० काननू टेर, श्रवणप्राधुणिक पुं० कोईने पण काने पडतुं
[अंतर प्रवणविषय पुं०कान सांभळी शके तेटलं श्रवणसुभग वि० कानने प्रिय लागे तेवू श्रवणोदर न० काननो खाडो धवपत्र न० एरिंग
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