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शानिर्यास ४९८
शांत शालनिर्यास पुं० शाल वृक्षनो गुंदर शासक पुं० राजा (२)सजा करनारो शालभंजिका स्त्री० पूतळी (२) वेश्या शासन वि० उपदेश आफ्नारु (२) सजा शाला स्त्री० ओरडो (२) मकान (३) करनारु (३) न० उपदेश; तालीम; वृक्षतुं थड (४) तबेलो
शिक्षण (४) राज्य; अमल शासन (५) शालावृक पुं० कूतरो
आज्ञा; हुकम (६) दानपत्र (राजाए शालि स्त्री० डांगर [साचवती स्त्री आपेलं) (७)लेखित करार; दस्तावेज शालिगोपी स्त्री० डांगरनो क्यारडो शासनदूषक वि०आज्ञानुं उल्लंघन करनार शालिग्राम पुं० विष्णुर्नु प्रतीक मनातो शासनहारिन पुं० संदेशवाहक ; दूत पवित्र पथ्थर; शालग्राम
शासनीय वि० शिक्षा करवा योग्य (२) शालिन् वि० (मुख्यत्वे समासने अंते) जेना उपर शासन करवू जोईए तेवू -थी युक्त; वाळं;-थी शोभतुं (२) शासित वि० शासन के अमल चलावसद्वर्तनवार्छ; सुशील
वानो होय तेवु (२) शिक्षा कराई होय शालिभवन न० डांगरनुं खेतर [बळद तेवू (३) काबूमां रखायेलं शालिवाह पुं० डांगर वहन करवा माटेनो शासित पु० राजा; हाकेम (२) सजाशालिवाहन पुं० जेना नामनो शक (ई० करनारो (३) शिक्षक स०७८ थी शरू थाय)छे ते प्रसिद्ध राजा
शास्तु पुं० शिक्षक; गुरु (२) पिता शालिहोत्र पुं० घोडो (२)पशुचिकित्सा
(३) राजा; हाकेम शास्त्रनो लेखक(२)न० पशुचिकित्सार्नु शास्त्र न० आज्ञा; हुकम (२)धर्मशास्त्रशास्त्र
नी आज्ञा (३) धर्मशास्त्र (४) कोई शालीन वि० शरमाळ (२)तुल्य ; समान पण विषयन तात्त्विक तेम ज व्यवस्थित (३) पुं० गृहस्थ (४) न० अजाचक
ज्ञान (५) ग्रंथ (६) सिद्धांतज्ञान वृत्ति(५)शरमाळपणुं
('प्रयोग' थी ऊलटुं) शालूक न० कमळनो कंद (२)पुं० देडको
शास्त्रज्ञ वि० शास्त्रनुं जाणकार (२) शालेय न० डांगरनुं खेतर
मात्र सिद्धांत जाणनाएं [प्रमाणे शाल्मलि पुं०, स्त्री०, शाल्मली स्त्री० शास्त्रतस् अ० शास्त्रानुसार; शास्त्र समडानुं झाड
शास्त्रदृष्ट वि० धर्मशास्त्रोमां कहेलं शाल्व पुं० एक देश (२)ते देशनो राजा शास्त्रविमुख वि० शास्त्राभ्यास न शाव वि० शब संबंधी(२)घेरा पीळा रंगनुं __ गमतो होय तेवू
(३)पुं० पशु, बच्चु (४)पुं०,न० शब शास्त्रशिल्पिन् पुं० काश्मीर देश शावक पुं० पशु- बच्चुं
शास्त्राननुष्ठान न० शास्त्रनी आज्ञानो शाश वि० ससलानुं
भंग - उल्लंघन
[पंडित शाश्वत वि० नित्य ; कायममुं (२)न । शास्त्रिन वि० शास्त्रनुं जाणकार; शाश्वतपणुं (३) स्वर्ग
शास्त्रीय वि० शास्त्र संबंधी (२) शास्त्र शाश्वतिक वि० कायमचें; हमेशनुं अनुसार [अलंकार बनावनारो शास् २ प० शीखवq; उपदेश आपवो शांखिक पुं० शंख फूंकनारो (२) शंखना (२) राज्य चलावq (३) हुकम करवो शांत ('शम्' नुं भू० कृ०) वि० शांति(४) कहेवू; जणावq(५)सलाह आपवी युक्त (२) मटी गयुं होय तेवु (रोग) (६)शिक्षा करवी (७) ताबे करवू (३) ओछु थयेलं; दूर थयेलं; बुझा
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