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वैधुर्य
वैधुर्य न० वियोग (२) चित्तक्षोभ वैधृत न०, वैधृति स्त्री० सूर्य अने चंद्रनो . अमुक योग ( अशुभ गणाय छे ) वैधेय वि० विधि प्रमाणेनुं ( २ ) मूर्ख (३) पुं० बेवकूफ माणस
वैनतेय पुं० गरुड ( २ ) अरुण वैनत्य न० विनय; नम्रता वैनयिक वि० विनय - शिष्टाचारने लगतुं (२) शिष्टाचार प्रमाणे वर्ते तेम करना (३) पुं० रणगाडी वैनायक वि० गणेश संबंधी वैपरीत्य न० विपरीतपणुं ( २ ) असंबद्धता वैप्रतिसम वि० प्रतिस्पर्धी विनानुं वैफल्य न० विफळता; निष्फळता बोधिक पुं० पहेरेगीर ( २ ) समय जणावी जगाडनारो | शक्ति वैभव न० समृद्धि, ऐश्वर्य (२) बळ; वैभ्राज न० एक देवोद्यान वैमनस्य न० खिन्नता; खेद (२) बीमारी मातृक, वैमात्र, वैमात्रक, वैमात्रेय पुं० ओरमान भाई
वैमानिक वि० दैवी विमानमां लई जवा के सवारी कर (२) पुं० देव वैमानिकी स्त्री० देवांगना वैमुख्य न० विमुखता; पाछा फरबुं ते (२) अणगमो [ करेलुं नृत्य वैमूढक न० स्त्रीना वेशमा पुरुषो are, aura न० व्यग्रता; मूंझवण ( २ ) कोई पण वस्तुमा लवलीनता - भक्ति वैयर्थ्य न० व्यर्थता; निरुपयोगीपणुं वैयवहारिक वि० रुढि प्रमाणेनुं ; सामान्य वैयाकरण पुं० व्याकरणशास्त्री वैयाख्य पुं० व्याख्या : विवरण वैयाघ्र वि० वाघनुं; वाघ संबंधी ( २ ) व्याघ्रचर्मथी ढांकेलं.
वैयात्य न० निर्लज्जता; धृष्टता वैयास वि० व्यासमांथी आवेलुं वैयासकि पुं० शुकदेव
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वैशस
वैयासिक वि० व्यासनुं; व्यास संबंधी बैर न० वेर; शत्रुवट; द्वेष; झेर (२) शत्रुसैन्य ( ३ ) वीरता; शौर्य वैरकृत् वि० झघडाखोर ( २ ) पुं० दुश्मन वैरक्त, वैरक्त्य न० विरक्ति ( २ ) अप्रीति वैरनिर्यातन न०, वैरयातना, वैरशुद्धि
स्त्री०, वैरसाधन न० वेरनी वसूलात वैरागिक, वैरागिन् पुं० वेरागी; वैरा• ग्ययुक्त एंवो ते (२) बावो; साधु वैराग्य न० सांसारिक वासनारहितपणुं
(२) विरक्ति; अणगमो ( ३ ) खेद (४) रंग बदलाई के ऊडी जवो ते वैराज वि० ब्रह्मा संबंधी वराट वि० विराट संबंधी ( २ ) घा विनानुं ( ३ ) घरडुं (४) पुं० इंद्रगोप वैरानुबंधित वि० वेर ऊभुं करना वैरिन् वि० वेरी ( २ ) पुं० शत्रु (३) वीर वैरूप्य न० कुरूपता (२) विविध रूप होवा ते [ राजा वैरोचन वि० सूर्य संबंधी ( २ ) पुं० बलिवैरोचनि पुं० विरोचननो पुत्र – वलि वैलक्षण्य न० विलक्षणता; विचित्रता
(२) विरुद्धता ( ३ ) भिन्नता वैलक्ष्य न ० मूंझवण; गूंचवण (२) दंभ; ढोंग (३) शरम (४) विपरीतता वैक्षिक वि० कहेवा धारेलु
वर्ण वि० (भूरो- पीळो इ० ) रंग विनानुं वैवर्ण्य न० विवर्णता; फीकाश ( २ ) भेद; विभिन्नता ( ३ ) वर्णथी च्युत थवं ते वैवस्वत पुं० यम (२) सातमा मनु ( आ मन्वंतरना अधिष्ठाता) वैवाहिक वि० विवाह संबंधी ( २ ) पुं०, न० लग्न (३) लग्ननो उत्सव, लग्ननी तैयारीओ (४) पुं० पुत्रवधूनो के जमाईनो बाप
वाह्य वि० लग्न संबंधी (२) लग्नने योग्य वैशद्य न० स्वच्छता ; स्पष्टता वैशस वि० मोत के विनाश उपजावनाएं (२) न० वध; कतल ( ३ ) पीडा ; त्रास
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