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वास्तु
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विकत्थन वास्तु पुं०, न० घर बंधायु के बांधवानुं वाहलिक वाहलीक पुं० एक देश
होय ते भूमि (२) घर; रहेठाण (आजनुं बल्ख) (२) ते देशनो घोडो वास्तुकर्म न० मकान बांधवानी विद्या (३) न हींग वास्य वि० ढांकवा योग्य (२) वसा- वांछ १ प० वांछना राखवी; इच्छq
ववा योग्य (३) पुं०, न० फरसी वांछा स्त्री० वांछना; इच्छा वाह, १ आ० प्रयत्न करवो
वांछित ('वांछ्' न भू० कृ०) वि० वाह वि० वहन करनारुं (समासने अंते) वांछेलं; इच्छेलं (२) न० वांछना
(२) पुं० ऊंचकनारो (३) भार वहन वांत ('वम्' न भू० कृ०) वि० वमन करनार प्राणी (४) घोडो (५) करेलं ; ओकेलं (२) बहार काढेलं आखलो; सांढ (६) पाडो (७) वाहन -नीकळेलं (३) नाखी दीधेलं; (९) प्राप्त करवू ते (१०) दश कुंभ पडी गयेलं
[देवू के चार भार जेटलं माप
वांतीकृ ८ उ० ओकी नांखवं; तजी वाहक वि० वहन करनारूं; ऊंचक- वि अ० छूटापर्यु, ऊलटापणु, विभाग, नारुं (२) पुं० हमाल (३) घोडे- विशेषता, व्यवस्था, गोठवणी, विरोध, सवार (४) वाहन हांकनारो
दूर लई जवू, रहित करवू, विचारणा, वाहन न० ऊंचकवं ते; वहन करवं ते गाढपणु वगेरे अर्थ बताववा नाम (२) हांक, ते (जेम के घोडाने) तथा क्रियापदने लागतो पूर्वग (३) सवारी माटे के भार खेंचवा (२) नारा तथा विशेषणने लागी वपरातुं गाडी वगेरे साधन (४) ते अभाव - रहितता, तीव्रता, मोटापणुं, माटे वपरातुं प्राणी (५) हलेसु । विविधता, तफावत, ऊलटापणु - वाहनप पुं० घोडा वगेरे प्राणीओने विरोध, फेरफार, अघटितता वगेरे संभाळनारो; खासदार
अर्थ बतावे वाहना स्त्री० सेना
वि पुं०, स्त्री० पक्षी (२) घोडो वाहयान वि० हांकनारुं (घोडाने) विक वि० जळरहित (२) सुख विनानु वाहवाह पुं० घोडेसवारी
विकच वि० खीलेलं; ऊघडेल (कमळ वाहिन् वि० वहन करनारुं (२) पुं० रथ इ०) (२) वीखरायेलु (३) वाळ वाहिनी स्त्री० सेना (२) ८१ हाथी,८१ विना- (४) प्रगट (५) उज्ज्वळ रथ, २४३ घोडा अने ४०५ पायदळनो विकचित वि० खूलेलं; खीलेलं बनेलो सैन्य-विभाग (३) नदी विकट वि० कदरू' (२) भयंकर; (४) वळावा तरीके मोकलाती टुकडी उग्र; जंगली (३) मोटुं; विशाळ वाहिनीपति पुं० सेनापति (२) समुद्र (४) गर्विष्ठ (५) सुंदर (६) वाहीक वि० अधर्मी वर्तनवाळू (२)पुं० मोटा दांतवाळं (५) पुं० गणेश (ब० व०) पंजाबनी एक तिस्कृत विकटायित न० चमकारो; झबकारो जाति (३) बळद [बळद संबंधी विकत्थ् १ आ० बडाई मारवी (२) वाहेयिक वि० वाहीक लोक संबंधी (२) कटाक्षमां स्तुति करवी वाह्य वि० वहन करायेलं; खेंचायेखें। विकत्थन वि० बडाईखोर (२)कटाक्षमा (२)पुं० (बळद वगेरे)बोजो खेंचनार स्तुति करतुं (३) न० वडाई प्राणी (३) न० गाडी; गाडु
(४) खोटी स्तुति
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