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________________ वामांगी ४३९ वारियंत्र वामांगी स्त्री० सुंदर स्त्री पुं० हाथी (७) हाथीनी सूंढ (८) वामी स्त्री० घोडी (२) हाथणी (३) अंकुश (हाथी माटेनो) (९) कवच शियाळवी (४) गंधेडी वारणपुष्प पुं० एक जातनो छोड वामेतर वि० जमणुं स्त्री वारणसाह्वय न० हस्तिनापुर वामोर (-रू) स्त्री० सुंदर जंघावाळी वारनारी स्त्री० वेश्या; गणिका वाम्य न० उच्छंखलता; उदंडता वारबाण पुं०, न० कवच; बख्तर वायक पुं० ढगलो; समूह (२) वणकर वारमुख्या स्त्री० मुख्य वेश्या वायन, वायनक न० देव-ब्राह्मणने वारयितृ पुं० पति; धणी उत्सव के पारणांने प्रसंगे अपाती वारयुवति स्त्री० गणिका; वेश्या मिष्टान्न वगेरेनी भेट वारयोषित, वारवधू, वारवनिता, वारवायव वि० वायुनं ; वायु संबंधी विलासिनी स्त्री० वेश्या; गणिका वायवी स्त्री० वायव्य दिशा वारंवारम, वारंवारेण अ० फरी फरी; वायवीय, वायव्य वि० वायुनु; वायु वारे वारे; पुनः पुनः संबंधी; वायु ने लगतुं वाराणसी स्त्री० काशी; बनारस वायव्या स्त्री० उत्तर-पश्चिम खूणो वाराशि (वार् + राशि) पुं० समुद्र वायस पुं० कागडो (२) न० कागडा वाराह वि० वराहने लगतुं; वराहओनो समुदाय (२) पुं० डुक्कर; भंड वायु पुं० पवन; वात (२) वायुदेवता वाराहकल्प पुं० अत्यारनो चाल (३) वातरोग (४) शरीरना पांच कल्प (ब्रह्माना आयुष्यना बीजा अर्धनो वायु मांनो दरेक [गांडु पहेलो दिवस) वायुग्रस्त वि० वातव्याधिवाळू (२) वारांगना स्त्री० वेश्या; गणिका वायुनिघ्न वि० गांडु वारांनिधि पुं० समुद्र वायुपुत्र पुं० हनुमान (२) भीम वारि न० पाणी (२) स्त्री० हाथीने वायुभक्ष पुं० वायु भक्षण करीने जीव- बांधवानुं दोरडु (३) हाथीने पकडवा नारो- तपस्वी (२) सर्प; साप तैयार करेलो खाडो वायरुग्ण वि० पवन वडे तूटी पडेलं वारिगर्भ पुं० वादळ वार् न० पाणी; जळ वारिचर वि० जलचर (२)पुं० तेवू प्राणी वार पुं० ढांकण (२) समुदाय; मोटी वारिज वि० पाणीमां उत्पन्न थयेलं संख्या (३) ढगलो (४) टोळं (५) (२) पुं० शंख (३) न० कमळ अठवाडियानो दिवस (६) वारो (७) वारित वि० रोकेलं; अटकावेलं; वारेलू वार; वखत (ब० व० मा 'घणी वार' (२) रक्षेलं; बचावेलं अर्थ थाय) (८) तक; प्रसंग (९) वारिद पुं० वादळ; मेघ (२) पूर्वजोने दरवाजो (१०)नदीनो सामो किनारो जलांजलि अपनारो वारक वि० रोकनारु; अटकावनाएं वारिधर पुं० वादळ (२) पुं० वारो (३) घोडो वारिधि पुं० समुद्र वारण वि० निवारनारं; रोकनारुं वारिपथ पुं०, न० दरियाई मुसाफरी (२) न० रोक के निवारवं ते (३) वारिमुच पुं० मेघ; वादळ . विघ्न (४) सामनो (५) कमाड (६) वारियंत्र न० पाणी काढवानो रेंट Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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