SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 339
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२५ प्रस्यंद प्रस्यं १ आ० झर (२) वहेवू (३) दोडी जवं [के वहेवू ते प्रस्थंद पुं०, प्रत्यंदन न० झरवू, टपकवं प्रत्यंदिन वि० आंसु रेलावतुं प्रस्रव पुं० झर, जोरथी नीकळवू के वहेवू ते (२)प्रवाह; वहेण (३)आंचळ के स्तनमांथी नीकळतुं दूध (४)पेसाब (५)पुं० ब० व० रेलातां आंसु प्रस्रवण न० झरवू, वहेवू के नीकळवू ते (२) दूध वहेवू ते (स्तन के आंचळमांथी)(३)धोध (४)झरो; फुवारो (५) पु० एक पर्वत ('जनस्थान'मां आवेलो) प्रस्त्रविन वि० रेलावतुं (२) दूध आपतुं प्रस्ताव पुं० झम के वहेवू ते (२)पेसाब प्रत्रु १५० झरवू; जोसथी नीकळवू (२) रेलावq; वहेवा दे, प्रस्नुत वि० झरेलु; टपकेलं; नीकळेलु प्रस्वन पुं० मोटो अवाज प्रस्वाप पुं० ऊंघ (२) स्वप्न (३) एक अस्त्र (ऊंघमां नाखनाएं) प्रस्वापन वि० ऊंघमां नाखनाएं (२) न० तेवी शक्ति धरावतुं अस्त्र प्रस्विन्न वि० खूब परसेवो थयो होय ते, प्रस्वेद पुं० अतिशय परसेवो प्रहत वि० घायल करेलु; हणेलं (२) वगाडेलं (ढोल) (३)पराभव पमाडेलं प्रहति स्त्री० प्रहार; घा प्रहन् २ प० हणवू; वध करवो (२) मारवू;प्रहार करवो(३)वगाडवू (ढोल) प्रहर पुं० आखा दिवसनो आठमो भाग (त्रण कलाक); पहोर प्रहरक पुं० पहोर (२) पहेरो प्रहरण न० प्रहार करवो ते (२) फेंक ते (३) दूर करवू ते; काढी मूकवू ते (४) शस्त्र ; अस्त्र (५) युद्ध ; लडाई प्रहरत् पुं० योद्धो प्रहरिन पुं० पहेरेगीर प्रहर्त वि० प्रहार के हुमलो करनारुं (२) लडनारु (३) बाण फेंकनारुं प्रह्लाद प्रहर्ष पुं० अतिशय आनंद के हर्ष प्रहर्षण न० अतिशय हर्ष पमाडनार ते (२)इच्छित वस्तु प्राप्त थवी ते प्रहस १५० खडखडाट हसवू (२)हांसी ___ करवी (३) आनंदमां आवq प्रहसन न०खडखडाट हसवू ते (२) हांसी; मश्करी (३) हांसीप्रधान नाटक; फारस प्रहसित वि० खूब हसेलु; खडखडाट हसतुं (२)न० हास्य प्रहा ३५० त्यागq; तजq (२) छोडवू; फेंकवु (३)-मांथी विदाय थवं प्रहाण न० त्याग(२) ध्यान प्रहाणि स्त्री० हानि; नाश; अभाव प्रहापण न० त्याग (२)विदाय प्रहार पुं० मारवंते; घा करवो ते (२) युद्ध; रणसंग्राम प्रहास पुं० अट्टहास (२) हांसी; मजाक (३) नर्तक ; नट (४) शिव (५)देखाव (६) रंगोनी शोभा प्रहासिन् वि० हसावनाएं (२) हांसी कर नारु(३)-नी साथे हसतुं (४)प्रकाशित प्रहि ५ प० मोकलवू (२) फेंकवु (३) -नी तरफ आंख वाळवी प्रहित वि० मूकेलं (२) फेलावेलु; लंबावेलु (३)मोकलेलं; फेंकेलं (४) काढी मकेलं . [न० हानि ; नाश प्रहीण वि० छोडी दीधेलं; तजेलं (२) प्रह १ प० प्रहार करवो (२)घा करवो (३) हुमलो करवो (४) फेंक; मारवू प्रहत वि० प्रहार करेलु (२) न० प्रहार प्रहष् ४ प० आनंद थवो; हर्षित थर्बु (२) रोमांच थवो [थयेलु प्रहृष्ट वि० हर्ष पामेलु (२) रोमांचित प्रहेला स्त्री० रमतियाळपणुं; स्वच्छंद प्रहेलिका स्त्री० कोयडो; समस्या प्रह्लाद १ आ० अति आनंदमां आवी जq प्रह्लाद पुं० अत्यंत आनंद (२) अवाज (३) हिरण्यकशिपुनो भक्त पुत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy