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प्रचद्
-कर्मणि० मोटुं थवू; जाडं थQ (२) समृद्ध थq; वध [करवं प्रबुद् १० उ० प्रेरवुधकेलq (२)जाहेर प्रचुर वि० घj; पुष्कळ (२) मोटुं; विशाळ (३) (समासने अंते) -थी
भरपूर - पूर्ण प्रचेतस् पुं० वरुण (२)एक प्राचीन ऋषि प्रचोदित वि० प्रेरेलं; उत्तेजेलु (२) विधान के आज्ञा करेलु (३) मोकलेलं प्रच्छ् ६ प० [पृच्छति ] पूछg प्रच्छद् १० उ० ढांक (२) संताडवू प्रच्छद पुं० ढांकण; ओछाड; चादर प्रच्छन्न वि० ढंकायेलं; छवायेलु (२) गुप्त; छानुं
[काढवू ते प्रच्छर्दन न० वमन करवं ते (२) बहार प्रच्छादन न० ढांक ते; छुपावq ते (२)
उत्तरीय वस्त्र [(२) छुपावेल प्रच्छादित वि० ढांकेलं आच्छादन करेलु प्रच्छाय न० गाढ छायावाळं स्थान प्रच्छिल वि० सूकुं; निर्जळ प्रच्यावित वि० हांकी काढेल प्रच्यु १ आ० दूर जवं; जता रहे (२) जु, पडवू; खरी पडवू ; नीचे पडवू (३)तजी देवू (धर्म) (४)-थी रहित बनवू; विनाना बनवू (५) झमवू; वहेवू (६) हांकg ; धकेलq प्रच्युत वि० खरी पडेलं (२) च्युत __थयेल; भ्रष्ट थयेल (३) हांकी काढेलं प्रजन् ४ आ० [प्रजायते] जन्म ; उत्पन्न थवं (२) ऊग (३) जन्म आपबो; उत्पन्न कर प्रजन पुं० पेदा करनार; जन्म आपनार (२) गर्भाधान करवं ते (३) पेदा करवं ते ; जन्म आपवो ते । प्रजनन न० उत्पन्न कर ते; गर्भाधान;
प्रसूति (२)संतति (३) जननेंद्रिय प्रजनिष्णु वि० उत्पन्न करनारुं (२) वधनाएं; ऊगनाएं
प्रशापित प्रजल्प १ प० बोलवू; कहे (२) __ जाहेर करवू (३) बबडवू; बहु बोलवू प्रजल्प पुं०, प्रजल्पन, प्रजल्पित न०
नकामो बडबडाट (२) वातचीत. प्रजवन, प्रजविन वि०वेगील;झडपी (२) पुं० कासद [(४)लोको; रैयत प्रजा स्त्री० उत्पत्ति(२)संतति (३)प्राणी प्रजागर पुं० जागरण; उजागरो (२) सावचेती; जागृति [रहेवू प्रजाग २ प० तपास राखवी (२)जागता प्रजात वि० उत्पन्न थयेलं; जन्मेलु प्रजातंतु पुं० वंश; संतति । प्रजाति स्त्री० प्रजोत्पादन (२) प्रसूति प्रजानाथ पुं० राजा (२) ब्रह्मा प्रजानिषेक पुं० गर्भाधान (२) संतति प्रजापति पुं० ब्रह्मा प्रजायिन् वि० जन्म आपनाएं प्रजावत् वि० संततिवाळं ; प्रजावाळं प्रजावती स्त्री० भाईनी वह ; मोटाभाई
नी वहु (२) संतानवाळी स्त्री प्रजासृज् पुं० ब्रह्मा प्रजातक पुं० यम [उघाडवू प्रजुंभ १ आ० बगासु खावं (२) मों प्रजेश, प्रजेश्वर पुं० राजा प्रज्ञ वि० शाणुं; बुद्धिमान; डाहथु (२) (समासने अंते) -नुं जाणकार (३) पुं० डाह्यो-शाणो माणस प्रज्ञा ९ उ० जाणवू; -ना विषे माहितगार थवं
[आमंत्र __ -प्रेरक० दर्शाव, (२) बोलाववं; प्रज्ञा स्त्री० बुद्धि ; समज; डहापण (२) विवेकबुद्धि(३)साचु - अलौकिक ज्ञान प्रज्ञाचक्षुस् वि० अंध (२) पुं० धृतराष्ट्र
(३) न० मनरूपी आंख . प्रज्ञात वि० जाणेलं; समजेलं (२) प्रख्यात
[चिह्न प्रज्ञान न० बुद्धि; ज्ञान; डहापण (२) प्रज्ञापित वि० कही दीधेलं; बतावी दीधेलं; बहार पाडी दीधेलं
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