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पाशभत् २८३
पितरौ पाशभृत् पुं० वरुण (२) पाश धारण पांग्याः पुं० ब० व. पांडप देश के करनार (योद्धो)
तेना रहेवासीओ पाशव वि० पशु संबंधी
पांथ पुं० मुसाफर; वटेमाणु पाशहस्त पुं० वरुण (२) यम
पशिन वि० जुओ 'पांसन' पाशिन् पुं० वरुण (२) यम (३)पारधी पांशु पुं० जुओ 'पांसु' पाशी स्त्री० दोरडं; बंध
पांशुल वि० जुओ 'पांसुल' पाशुपत वि० शिवन; शिव संबंधी (२)
पांसन वि० (समासने छेडे) बट्टो के शिवे उपदेशेलु (३) पुं० शिवभक्त कलंक लगाडनाएं (उदा. 'कुलपांसन') पाश्चात्य वि० पाछळन; पछीन (२) (२) मेल करनारुं; बगाडनारुं पश्चिमन ; पश्चिम संबंधी
पांसु पुं० धूळ (२) रजोटी पाषक न० पगमां पहेरवानो एक अलंकार पांसुकृत वि. धूळथी छवायेलं पावंड वि० वेदमां न माननारुं; नास्तिक पांसुक्रोडन, पांसुक्रीडा स्त्री० धूळमां (२) पुं० नास्तिक
रमवू ते (बाळपणनी अवस्था) पाषाण पुं० पथ्थर
पांसुल वि० धूळवाळ; मेलु (२) अपपाषाणशिला स्त्री० सपाट शिला वित्र; कलंकित (३) बट्टो के कलंक पाषाणहृदय पुं० पथ्थर जेवा कठोर
लगाडनारं हृदयवाळं; क्रूर
पांसुला स्त्री० रजस्वला स्त्री (२) पांचजन्य पुं० श्रीकृष्णनो शंख
व्यभिचारिणी स्त्री (३)पृथ्वी पांचभौतिक वि० पंचभूतन बनेलं ; पंच- पिक पुं० कोयल [सुर गणाय छे) भूतवाळं
पिकपंचम पुं० कोयलनो स्वर (जे पंचम पांचरात्र न० एक वैष्णव संप्रदाय पिकांग पुं० चातक पक्षी पांचाल वि० पांचालोना देश
पिचुम, पिचुमंद पुं० लीमडो पांचालिका स्त्री० ढींगली; पूतळी पिच्छ न० पीछु (२) पीछांवाळ पुच्छ पांचाली स्त्री० द्रोपदी (२)पदरचनानी (मोरनुं) (३) बाण, पींछु
चार शैलीमांनी एक (जुओ 'रीति' पिच्छल वि० लपसणं ; लपसी पडाय तेवं पांडर वि० फीकाश पडतुं घोळं पिच्छिका स्त्री० मोरना पीछांनी झंडी पांडव पुं० पांडु राजानो पुत्र
(जादुगरो वापरे छे ते) पांडित्य न० पंडिताई; विद्वत्ता (२) पिच्छिल वि० चीकणं; (२) लपसी चालाकी ; कुशळता (३) डहापण पडाय तेवं (३) पीछांवाळं (४) पुं०, पांडिमन् पुं० धोळापणुं; फीकाश
न० भातनु ओसामण पांडु वि० पीळाश पडतुं धोळ (२) पुं० पिटक पुं०, न० नेतरनो करंडियो (२) पोळाश पडतो धोळो रंग (३) कमळो लाकडानी पेटी(३)फोल्लो [फोल्ली (रोग) (४)पांडवोना पितानुं नाम पिटका स्त्री० पेटी; टोपली (२) नानी पांडुभाव पुं० फीकुं पडी जवू ते पिठर, पिठरक पुं०, न० तपेलं पांडर वि० फीकाश पडतुं धोळं पिठरी स्त्री० तपेली पांडुरोग पुं० कमळो (रोग)
पिण्याक पुं०, न० खोळ पांडुलोह न० रू'
पितरः ('पितृ') पुं० ब०व० पितृओ पांड्य पुं० दक्षिणना ते देशनो राजा पितरो ('पितृ')पुं० द्वि०व० मातापिता
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