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पार्थिवी २८२
पाशन पाथिवी स्त्री० सीता (पृथ्वीनी पुत्री) पाल् १० उ० रक्षण करवू (२) पाळवं पार्य न० अंत (२) पार करवानुं साधन (वचन, प्रतिज्ञा इ०) पायंतिक वि० छल्लं; छेवटनं
पाल पुं० पालक [अश्वपाल पार्वण वि० पर्व संबंधी; पर्वने दिवसे पालक पुं० रक्षक (२) राजा (३) आवतुं के होतुं
पालन वि० रक्षण करनारु (२) न० पार्वत वि० पर्वत; पर्वत संबंधी रक्षण; पोषण (३) पाळg ते, पार पार्वती स्त्री० हिमालयनी पुत्री - दुर्गा पाडवं ते (वचन, प्रतिज्ञा इ०) (४) पार्वतीय पुं० पर्वतवासी एक जाति धार काढवी ते (शस्त्रनी) पार्वतीश पुं० शंकर
पालनीय वि० रक्षण करवा योग्य (२) पार्वतेय वि० पर्वतमांथी जन्मेलं
पाळवा योग्य (वचन इ०) पार्श्व वि० पडखेनुं ; नजीकचें (२) पुं०, पालयित वि० रक्षण करनारु न० बगल नीचेनोपांसळीओवाळो भाग
पालि स्त्री० बूट ; अणी (काननी) (२) (३) पड; बाजु (४) नजीकपणुं छेडो; किनार (३) धार (४) हद; पार्श्वग, पार्श्वचर वि० नजीकन ; पडखे सीमा (५) पंक्ति; हार
ऊभेलु (२) पुं० नोकर; हरियो पालित वि० रक्षायेल; पोषायेलं (२) पार्वतस् अ० पडखे; नजीकमां
पूरुं करायेलु (वचन इ०) पार्श्वद पुं० सेवक; चाकर
पाली स्त्री० जुओ ‘पालि' पार्श्ववतिन् वि० पडखे रहेतुं ; नजीकनुं पाल्य वि० जुओ 'पालनीय' (२) सेवा बजावतुं (३)पुं० हजूरियो पावक वि० पवित्र करनारुं; शुद्ध करनारं (४) साथी
(२) पुं० अग्नि [अस्त्र पार्श्वस्थ वि० पडखे रहेलं; नजीकनुं पावकास्त्र न० अग्निदेवनी शक्तिवाळू (२) पुं० साथी (३) मददनीश
पावन वि० पापमांथी मुक्त करनारुं; पाश्र्वानुचर पुं० नोकर; हरियो शुद्ध करनारं; पवित्र करनारं (२) पाश्र्वायात वि० नजीक आवेलं
हवा उपर जीवनाएं पाश्र्वासन्न वि० पडखे ऊभेलु के बेठेलं
पावर पुं० बेना अंकवाळी पासानी बाजु पाश्वोपपीडम् अ० पडखां दबाववां (२) ते पासानो दाव पडे ते रीते (हसवू)
पावित्र्य न० पवित्रता पार्षत वि० पृषत्' - जातना काबर- पाविन् वि० शुद्ध - पवित्र करनारु चीतरा मृगने लगत
पाव्य वि० शुद्ध-पवित्र करवा योग्य 'पार्षद पुं० साथी; सोबती (२)परिजन पाश पुं० बंध; दोरडु; फांसो (२) जाळ
- परिवार (देवनो) (३) परिषदमां (पंखी-प्राणी वगेरेने पकडवानी) (३) हाजर सभ्य
पासो (४) वरुणना हथियारनुं नाम पाणि पुं०, स्त्री० एडी (२) सैन्यनो (५) (समासने अंते) तिरस्कारपाछळनो भाग (३) कोई पण वस्तुनो तुच्छता बतावे (उदा० 'छात्रपाश'); पाछळनो भाग; पीठ (४) लात; पाटु प्रशंसा दर्शावे (उदा० 'कर्णपाश'); पाणिग्रह न० शत्रुने पूंठेथी दबाववो ते जथ्थो बतावे (उदा० 'केशपाश') पाणिघात पुं० लात [करवो ते पाशजाल न० संसाररूपी जाळ पाणिविग्रह पुं० शत्रुए पूंठेथी हुमलो पाशन न० जाळ ; फांसो
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