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पट
न्यूनता
२५८ न्यूनता स्त्री० -ना करतां ऊतरतापणुं न्यूनाधिक वि० ओछंवत्तुं; असमान (२) ऊणप; ओछापणुं
न्यज् (नि+एज् ) १ आ० भ्रूजवू; न्यूनभाव पुं० ओछु के ऊतरतुं होवापणुं कंपवू
प वि० (समासने अंते) पीनारं; पीतु (२) पक्षपुट पुं० पांख
रक्षण करनारुं [जंगलीओनो वास पक्षमूल पुं० पांखनुं मूळ पक्कण पुं० चांडालनुं झूपडं (२) पक्षवत् वि० पांखवाळू (२) पक्षने पक्ति स्त्री० रांधवं ते (२) पचाव ____ अनुसरना९(३) सारा कुळनु ते (३) परिपक्व थर्बु ते (४) पक्षहर पुं० पंखी (२) पक्षद्रोही प्रतिष्ठा; गौरव
पक्षिणी स्त्री० पंखिणी . पक्व वि० रांधेलु (२) पचावेल (३) पक्षिन् वि० पांखवाळू (२) पक्षवाळू; परिपक्व थयेलं; तैयार थयेल (४) पक्षमा जोडायेल (३) पुं० पंखी (४) अनुभवी; चालाक (५) विनाशोन्मुख बाण (५) शिव [भाई) पक्वान्न न० रांधेलं अन्न
पक्षिपति पुं० संपाति (जटायुनो मोटो पक्ष पूं० पांख (पंखीनी) (२) पींछु पक्षिपुंगव पुं० जटायु (२) गरुड (बाणने छेडे खोसेलु) (३) पडखं पक्षिराज (-ज) पुं० गरुड (२)जटायु (४) कोई पण वस्तुनी बाजु (५) पक्षीय वि० (समासने अंते)-ना पक्षy लश्करनी बाजु (६) पखवाडियं पक्षींद्र पुं० गरुड (शुक्ल के कृष्ण) (७) विभाग; पक्ष्मन् न० पापण (२) केसरतंतु (३) जूथ (८) वंश; कुळ (९) कोई पण फूलनी पांखडी (४) हरणना वाळ विभागनो पक्षकार - अनुयायी
(५) मूछना वाळ पक्षक पुं० बाजुन खानगी बारj (२) पक्ष्मल वि० सुन्दर अने दीर्घ पापणोपक्ष ; बाजु (३)-ना पक्षनो माणस वाळू (२) वाळथी भरेलु पक्षचर पुं० टोळामांथी विखूटो पडेलो पक्ष्य पुं० पक्षनो अनुयायी हाथी (२) चंद्र (३) अनुचर
पच् १ उ० रांधq; पकावq (२) पक्षच्छिद् पुं० इंद्र (पर्वतोनी पांखो भठ्ठीमां नाखी सेकQ (ईंट) (३) कापनार)
पचावq (अन्न) (४)परिपक्व थर्बु पक्षता स्त्री० पक्ष लेवो के रजू करवो ते । पच वि० (समासने अंते) रांधनाएं पक्षति स्त्री० पांखनुं मूळ (२) सूद पडवो पचेलिम वि० पोतानी मेळे - स्वाभाविक पक्षद्वार न० बाजुन खानगी बारणं रीते पाकतुं(२)जलदी रंधातुं के पाकतुं पक्षपात पुं० एक पक्षनी तरफदारी । पटु १ प० जवू (२) १० उ० के पक्षपातिता स्त्री० पक्षपात (२) पांखो प्रेरक० फाडवू (३) बाकोरं पाडवू वडे ऊडवू ते
(४) छेद पाडवो; वींधवू (५) पक्षपातिन् वि० पक्षपात करनारुं (२) उपाडी - खेंची काढq (६) १० उ० -ना पक्षमा जोडानारुं; अनुयायी गूंथवू; वणवू
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