________________
दुर्बोध
दुष्काल दुर्बोध वि० न समजी शकाय एवं दुर्वार, दुर्वारण वि० रोकी के निवारी दुर्भग वि० कमनसीब (२) कदरू' न शकाय एवं दुर्भगा स्त्री० पतिने न गमती स्त्री (२) दुर्वासस् वि० योग्य पोशाक न पहेरेलं कर्कशा (३) विधवा
(२) नग्न (३) पुं० एक ऋषि (महादुर्भर वि० मुश्केलीथी वहन करी क्रोधी तरीके जाणीता) करनाएं शकाय तेवू; अति भारे लदायेल (२) दुर्विदग्ध वि० मूर्ख (२) खोटो गर्व मुश्केलीथी पोषी शकाय - टेकवी । दुविध वि० कंगाळ (२) दुष्ट ; नीच शकाय तेवू
नसीब. दुविनीत वि० खोटी केळवणी पामेलं; दुर्भाग्य वि० अभागी (२) न० कम- अशिष्ट ; अविनयी (२) तोफानी; दुर्भिक्ष न० दुष्काळ ; दुकाळ ।
उद्धत (३) जक्की; जिद्दी दुर्भिद, दुर्भेद, दुर्भध वि० अभेद्य दुर्विपाक वि० माछं परिणाम लावनाएं दुर्मति वि० दुष्ट (२) मूर्ख ; अज्ञ (३) (२) पुं० मार्छ परिणाम (३) पूर्वे स्त्री० दुष्ट बुद्धि ; कुमति
करेल कर्मर्नु मा फळ । दुर्मनस् वि० उदास; अस्वस्थ ; व्याकुळ दुविभाव्य वि० कल्पी के चितवी न दुर्मर न० खराब मोत; कुमरण
शकाय तेवू
[असभ्यता दुमंत्र पुं०, दुमंत्रणा स्त्री०, दुर्मत्रित · दुर्विलसित न० तोफान; उद्धताई;
न० खोटी सलाह; अवळी सलाह दुविलास पुं० दुर्दैव; दुर्भाग्य दुर्मुख वि० कदरू' (२) गाळ बोलनारुं दुर्विष पुं० शिव खराब वर्तन दुर्मेधस् वि० मुर्ख ; मंदबुद्धिवाळं दुर्वृत्त वि० दुष्ट वर्तनवाळं (२) न० दुर्योध, दुर्योधन वि० जेनी साथे लडQ दुर्व्यसन न० धून ; लत (२) दुष्ट वलण कठिन छे तेवं; अजेय ।
दुल १० उ० आम तेम हलाव; ऊंचुंदुर्योधन पुं० धृतराष्ट्रनो मोटो पुत्र नीचुं करQ के उछाळवं दुर्लक्ष वि० जोवू मुश्केल (२) न० दुश्चर वि० आचरवं मुश्केल (२) पासे खोटुं लक्ष - ध्येय
न जई शकाय तेवू (३)दुराचारी दुर्लभ वि० दुष्प्राप (२) विरल दुश्चरित, दुश्चेष्टित वि० दुराचरणी दुर्ललित वि० अति लाडमां ऊछरेलु ; (२) न० दुराचरण तोफानी (२) हठीलं; जिद्दी (३) दुष ४ प० दूषित थq; अपवित्र थवं न० तोफान; अवळचंडाई
(२) खराब थवं; गंदं थव (३) दोष दुर्वच वि० अवर्णनीय (२) कही न करवो; पाप करवू; भूल करवी (४) शकाय एवं (३) गाळ बोलतुं; अप- व्यभिचारी बनवू; बेवफा नीवडवू शब्द बोलतुं (४) न० गाळ ; अपशब्द ___-प्रेरक० गंदं करवू; अपवित्र करवु; दुर्वचस् न० निंदा (२) अपशब्द
दूषित करवु (२) भ्रष्ट करवु (स्त्रीने) दुर्वर्ण पुं० खराब रंग (२) अशुद्धि (३) (३) दोष आरोपवो; निंदवू
न० रू (४) एक जातनो कोढ दुष्कर वि० मुश्केलीथी थई शके एवं दुर्वसति स्त्री० दुःखभर्यो रहेवास (२)न० कठिन कार्य ; मुश्केली दुर्वह वि० भारे ; ऊंचकी शकाय नहि तेवू दुष्कर्मन् वि० पापकर्म करनारु (२) दुर्वाच्य न० गाळ ; निंदा (२) अप- न० दुष्कृत्य ; पाप कीति (३) कठोर शब्द (४) माठा दुष्काल पुं० खराब समय (२)प्रलयनो समाचार
समय (३) दुकाळ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org