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चक्रव्यूह
चक्रव्यूह पुं० (चक्राकारे) सैन्यनी एक
रचना - व्यूह
चसाह्वय पुं० चक्रवाक हस्त पुं० विष्णु [श्रीकृष्ण; विष्णु चक्रायुध पुं० (चक्र जेनुं आयुध छे तेवा ) चकार पुं०, न० पैडानो आरो चक्रावर्त पुं० चक्राकारे भमवुं - फरवुं ते चाह्न, चक्राह्वय पुं० चक्रवाक चत्रांग पुं० हंस ( २ ) चक्रवाक चक्रिन् पुं० विष्णु; श्रीकृष्ण (२) चक्रवर्ती राजा (३) चक्रवाक
चक्रेश्वर पुं० विष्णु (२) जिल्लानो अधिकारी - शासक [त्याग करवो चक्ष् २ आ० कहेवुं; बोलवु (२) जोत्रं (३) चक्षुविषय पुं० दृष्टिमर्यादा ( २ ) आंखनो विषय दृश्य ( ३ ) क्षितिज चक्षुष्पथ पुं० दृष्टिमर्यादा चक्षुष्मत् वि० आंखवाळं; जोवानी शक्तिवाळं ( २ ) अगमचेतीवाळु चक्षुष्य वि० सुंदर; प्रियदर्शन ( २ ) आंखने हितकर (३) पुं०, न० नेत्रांजन चक्षुस् न० आंख (२) दृष्टि; नजर चक्षुःश्रवस् पुं० साप [नजर 'वक्षूराग पुं० आंखनी लालाश (२) प्रेमभरी चट् १प० [ चटति ] भांगवु; जुदुं पाडवु (२) १० उ० वींधवं; मारी नाखवु ( ३ ) हरकत करवी
चटक पुं० चकलो
चटका, चटिका स्त्री० चकली चटु पुं० प्रिय भाषण; खुशामत चटुल वि० चंचळ ; अस्थिर ( २ ) सुंदर; मनगमतुं
aण वि० (समासने अंते ) प्रख्यात; निष्णात (उदा० ' अक्षरचण,' 'मायाचण ' )
चण, चणक पुं० चणा चतस्रः ( 'चतुर् ' नुं स्त्री० ब०व०) चार चतुर् वि० ( ब० व० ) चार (संख्या) (२) अ० चार वखत
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चतुर्वर्ण
चतुर वि० चालाक; कुशळ (२) उतावळं; चपळ (३) सुंदर; मनोहर चतुरश्र (-त्र) वि० चार खूणावाळं (२) Tai अंगोमा प्रमाणसर; सुंदर चतुरंग वि० चार अंगवाळुचार विभागवाळं ( २ ) न ० ( हाथी, घोडा, रथ, पायदळ - एवा पूरा चार विभागवाळी) सेना चतुरंगिणी स्त्री० चार अंगो पूरा होय तेवी ( 'चतुरंग') सेना चतुरंत वि० चार छेडा के सीमावाळूं चतुरंता स्त्री० पृथ्वी चतुरानन पुं० ब्रह्मा (चार मुखवाळा ) चतुर्गुण वि० चारगणुं; चोपट चतुर्थ वि० चोथुं ( २ ) न० चोथो भाग चतुर्थाश्रम पुं० संन्यास आश्रम चतुर्दशभुवनानि न० ब०व० चौद लोक; समग्र विश्व
चतुर्दशरत्नानि न ० ब० व० समुद्रमंथन वखते नीकळेलां चौद रत्नो (लक्ष्मी, कौस्तुभ, पारिजातक, सुरा, धन्वंतरि, चंद्रमा, कामदुघा गाय, ऐरावत हाथी, रंभा वगेरे अप्सरा, सात मुखबाळो घोडो ( उच्चैःश्रवा), हलाहल विष, शार्ग धनुष्य, पांचजन्य शंख, अमृत ) चतुर्दत पुं० ऐरावत हाथी चतुर्दिश न० चार दिशाओनो समूह चतुर्दशम् अ० चारे बाजुए चतुर्धा अ० चार प्रकारे; चार रीते चतुर्बाहु, चतुर्भुज् ( - ज ) पुं० विष्णु चतुर्मास न० अषाड शुक्ल एकादशीथी कार्तिक शुक्ल एकादशी सुधीनो समय - चातुर्मास चतुर्मुख पुं० ब्रह्मा चतुर्युग न० सत्य, त्रेता, द्वापर, कलिए चार युगनो समूह चतुर्वर्ग न० धर्म, अर्थ, चार पुरुषार्थोनो समूह चतुर्वर्ण न० ब्राह्मण, क्षत्रिय, वश्य, शुद्र - ए चार वर्णोनो समूह
काम,
मोक्ष - ए
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