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केशाकेशि केशाकेशि अ० परस्पर वाळ खेंचीने (लडवू)
[राक्षस केशिन् पुं० सिंह (२)श्रीकृष्ण (३)एक केशिनिवदन पुं० केशीनो वध करनार
- श्रीकृष्ण केसर पुं०, न० केशवाळी (२)हरकोई
फूलनी अंदर थतो तंतु (३) बकुल वृक्ष केसरिन् पुं० सिंह (२) घोडो (३) ते
ते वर्गमां श्रेष्ठ (समासने अंते) केंद्र न० मध्यबिंदु कैटभ पुं० एक राक्षस कैटभजित्,कैटभरिपु,कैटभहन , कैटभारि पुं० विष्णु (कैटभने मारनार) कैतव न० दावमां मूकेली वस्तु (२) जुगार (३)कपट ; ठगाई (४)पुं०शठ; ठग (५)जुगारी खोलतुं) कैरव न० श्वेत कमळ ; पोय[ (चंद्र ऊग्ये कैरवबंधु पुं० चंद्र करविणी स्त्री० पोयणी(२)धणां पोयणां
वाळं जळाराय (३)पोषणांनो समूह कैलास पुं० हिमालय पर्वतर्नु एक शिखर
(शंकर अने बुबेर निवासस्थान) १. मनाथ पुं० शंकर (२) कुबेर कैवत, कंवर्तक पुं० माछी कैवल्य न० केवल स्वरूप - ब्रह्म स्वरूप
थर्बु ते (२)निलिप्तपणुं; मोक्ष कैशिक न० केशसमूह कैशोर न० किशोर अवस्था कैश्य न० केशसमूह कोक पुं० वरु (२) चक्रवाक (३) कोयल कोकनद न० रातुं कमळ कोकबंधु पुं० सूर्य कोकिल पुं० नर कोयल कोकिला स्त्री० मादा कोयल कोजागर पुं० शरद पूनमनो उत्सव कोटर पुं०, न० वृक्षमांनी बखोल कोटि स्त्री० छेडो (२)धनुष्यनो अग्रभाग (३)हथियारनो अग्रभाग (४)
कोदा पराकाष्ठा; अंतिम हद (५) चंद्रनी कळानी बे अणीओमांनी दरेक (६) शिखर(७) वर्चास्पद बाबतनी एक बाजु (८)करोड (संख्या) (९)वर्ग ; जाति कोटिमत् वि० धारवाळं; अणीवाळं कोटिशस् अ० करोडोथी; करोड रीते कोटी स्त्री० जुओ 'कोटि' कोटीर पुं० मुगट (२) जटा-गुच्छ कोटीश्वर पुं० करोडपति कोट्ट पुं० किल्लो; कोट कोण पुं० खूणो (२)खड्ग के शस्त्रनी तीणी धार (३)लाकडी के दंडो (४) सारंगी बगेरेनुं कामठु (५) ढोल वगाडवानो डंडूको कोणप पुं० राक्षस [इ० नो) ध्वनि कोणाघात पुं० अनेक वाचोनो(ढोल,भेरी कोदंड पं०, न० धनष्य । कोद्रव पुं० कोदरा कोप पुं० गुस्सो; क्रोध (२)वकर ते कोपन वि० क्रोधजनक (२)गुस्सावाळं
(३)वकरावनाएं कोपिन् वि० गुस्से थनारुं (२) गुस्सो
करनारं (३)वकरावनाएं कोमल वि० कुमळं; नाजुक; सुकुमार
(२) नरम, मृदु (३)मधुर कोरक पुं०, न० कळी (२) कळीना
आकार- जे कई होय ते कोरकित वि० कळीओथी छवायेलु कोल पुं० डुक्कर (२) तरापो; होडी
(३)आलिंगन (४) खोळो कोलाहल पुं०, न० घोंघाट; शोरबकोर कोविद वि० अनुभवी ; निपुण; कुशळ कोविदार पुं०, न० एक वृक्षनुं नाम कोश पुं०, न० पाणी भरवानुं वासण; डोल (२) पेटी ; कबाट ; कबाटनुं खानुं (३) म्यान (४) ढांकण; आवरण (५) कोठार; भंडार (6) खजानो; तिजोरी (७) धन; संपत्ति (८)
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