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उद्यम् उद्यम् आ० [उद्यच्छते] (कदीक प० पण) ऊंचे चडावQ; ऊंचु करवु (२) आपq; अर्पण करवू (३)तैयार थ; सज्ज थq (४) उद्योग करवो (५)नियंत्रण करवू उद्यम पुं० उद्योग; प्रयत्न (२) उपाडवू
ते (३)दृढ निश्चय (४)तत्परता; तैयारी उद्या २५० ऊंचे चडवू; ऊंचु थq (२)
उत्पन्न थq उद्यान न०, पुं० बाग उद्यापन न० धर्मकर्म के व्रतादिनी
समाप्तिनी विधि; तेनी उजवणी उद्युक्त वि० काममां परोवायेलं; उद्यमी
(२) तत्पर उद्युज ७ उ० प्रयत्न करवो
-प्रेरक प्रयत्न करवा प्रेर उद्योग पुं० महेनत; प्रयत्न (२) काम; धंधो रोजगारखिंतीलुं उद्योगिन् वि० उद्योगी; प्रयत्नशील; उद्योत पुं० प्रकाश ; तेज उद्रिक्त वि० अतिशय ; अधिक (२)
देखाय तेवू; स्पष्ट उबिच् (मुख्यत्वे कर्मणि०मां अने पंचमी साथे) चडियाता थवं उद्रेक पुं० पुष्कळता; अतिशयता(२)
चडियातापणुं उद्वर्त पुं० अधिकपणुं (२) लेप करवो
ते (३)प्रलय काळ (४)छोडवू ते । उद्वर्तन न० ऊंचु थq ते ; वधवू ते (२) उन्नति (३) ऊछळवं ते (४) एक बाजुथी बीजी बाजु फरवु ते (५) दळवू-खांडवं ते (६)शरीरे सुगंधीदार लेप करवो ते उद्वस् प्रेरक० देशनिकाल करवं; काढी
मूकवू उद्वह, १५० परणवू (२)वहन करवं; धारण करj (३) लई जq; उपाडी जq (४)पूरुं करवं; अंत सुधी लई जर्बु उवह वि० लई जनाएं (२) चालु राखनाएं (वंशने) (३) मुख्य ; श्रेष्ठ
उन्नद्ध (४) पुं० पुत्र (५) लग्न (६) वंश __ के कुळनो मुख्य आगेवान उद्वहन न० लग्न; विवाह (२)ऊंचकवं - टेकवद् ते (३) सवारी करवी ते (४) धारण करवू ते (लज्जा इ०) उद्वाह पुं० लग्न; विवाह उद्विग्न (उद्विज् नुं भू० कृ०) वि०
व्याकुळ ; खिन्न त्रास पामवो उद्विज ६ आ० उद्वेग करवो (२) बीवु; उद्वीः १ आ० ऊंचुंजोवु (२)निहाळवू उद्वीक्षण न० ऊंचे जोवू ते (२) दृष्टि; नजर
[फूंकवो उद्वीज १०प० पंखो नाखवो (२)वायु उद्वत् १ आ० ऊंचे चड, (२) फाटी जवू; तूटी जq (३) गबडी पडq (४) अभिमान करवं (५) छलकावं. -प्रेरक० निर्मूळ करवु (२)ऊंचे फेंकवू - चडाव (३) घुमावदूं; फेरव, (आंख) (४) लेप करवो उदवत्त वि० ऊंचु करेलु (२) छलकातुं;
वधी गयेलु (३) तोछडु; अभिमानी उद्वेग पुं० कंपq ते; व्याकुळता;गभराट
(२) चिंता; दुःख ; शोक उद्वेदि वि० ऊंची बेठक के सिंहासनवाळं उद्वेल वि० किनारा परथी वही जतुं
(२) हद - मर्यादा ओळंगतुं उद्वेल्ल् १ प० हालवू ; ऊछळवू (२)
गोळ वीटळावं उद्वेष्टन वि० छुटुं करेलु ; बंधनमुक्त उद्वेष्टनीय वि० छोडी नाखवा योग्य उन्नत वि० ऊंचु; महान; प्रख्यात (२) पूर्ण; भरावदार (३) खुशमिजाज उन्नति स्त्री० ऊंचाई (२) चडती;
आबादी (३) मोटाई; महत्ता उन्नद् ११० गर्जना करवी उन्नद्ध ('उन्नह'न भू० कृ०) वि० बांधेलं; गांठेलु (२) ऊछळतुं (३) छूटुं थयेलुं (४) उत्कट
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