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प्रकाशकीय
___ गणाधिपति तुलसी एवं आचार्य महाप्रज्ञ के आध्यात्मिक निदेशन में संस्थापित हमारे संस्थान उनके स्वप्नों को साकार करने की दिशा में उत्तरोत्तर गतिशील हैं। इसी गतिमत्ता की एक निष्पत्ति है-जैन पारिभाषिक शब्दकोश का प्रकाशन।
भारतीय विद्याओं के अध्ययन (Indological Studies) के क्षेत्र में सबसे बड़ी कठिनाई है-ऐसे पारिभाषिक कोश-साहित्य की स्वल्पता, जिसके आधार पर विद्वान् एवं विद्यार्थी अध्ययन एवं शोध-कार्य को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकें। हमें प्रसन्नता हो रही है कि आचार्य महाप्रज्ञ जैसे महान् भारतीयविद्याविद् मनीषी संत द्वारा प्रणीत "जैन पारिभाषिक शब्दकोश" जैन विद्या के क्षेत्र में अध्ययनरत एवं शोधरत विद्वानों एवं विद्यार्थियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण आधार ग्रन्थ बनेगा।
इस महान् अवदान के लिए हम श्रद्धेय आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के चरणों में अपनी विनम्र श्रद्धा अर्पित करते हैं।
इस शब्दकोश के निर्माण में अनेक साधुओं, साध्वियों एवं समणियों ने जो महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है उसके लिए उन सबके प्रति हम कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
सुरेन्द्र चोरड़िया
अध्यक्ष जैन विश्व भारती
डॉ. समणी मंगलप्रज्ञा
कुलपति जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय
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