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जैन पारिभाषिक शब्दकोश
प्राभृतिक-सुरविरचितसमवसरणमहाप्रातिहार्यादिपूजालक्षणाम्।
(बृभा ४९७६ वृ)
प्रावचनी तीर्थंकर। अरहा ताव नियम पावयणी।
(भग २०.७५)
प्रावृट्काल वर्षावास का एक प्रकार । श्रावण और भाद्रपदमास । वासावासो दुविहो, पाउस वासा य.....। पाउसो सावणो भद्दवओ य, वासारत्तो आसोओ कत्तियओ अत्ति।
(बृभा २७३४ चू)
प्रामाण्य ज्ञान का अपने प्रमेय के साथ अव्यभिचारी (निश्चित) संबंध होना। ज्ञानस्य प्रमेयाव्यभिचारित्वं प्रामाण्यम्। (प्रनत १.१८) । प्रामित्य उद्गम दोष का एक प्रकार । साधु को देने के लिए कोई वस्तु दूसरों से उधार लेना। प्रामित्यं-साध्वर्थमुच्छिद्य दानलक्षणम्। (दहावृप १७४) यत् साध्वर्थमन्नादि उद्यतकं गृहीत्वा दीयते तत् प्रामित्यकम्।
(योशा १.३८ वृ पृ १३४) प्रायश्चित्त आभ्यन्तर तप का एक प्रकार । दोष-विशुद्धि के लिए किया जाने वाला प्रयत्न। आलोयणारिहाईयं पायच्छित्तं तु दसविहं। जे भिक्ख वहई सम्मं पायच्छित्तं तमाहियं॥
(उ ३०.३१) अतिचारविशुद्धये प्रयत्नः प्रायश्चित्तम्। (जैसिदी ६.३७) प्रायश्चित्तकरण योगसंग्रह का एक प्रकार, दोष-विशुद्धि का अनुष्ठान करना। 'पायच्छित्तकरणे' इति प्रायश्चित्तकरणं च कार्यम्।
(सम ३२.१.५ वृ प ५५)
प्रासुक १. अचित्त, जीवरहित।
(भग १.४३८) पगदा असओ जम्हा तम्हादो दव्वदो त्ति तं दव्वं । फासुगमिदि...॥
(मू ४८५) प्रासुकं-स्वकायपरकायशस्त्रोपहतत्वेनाचित्तीभूतम्।
(प्रसा ८८२ वृ) २. अभिलषणीय। (द्र स्पर्शक) प्रासुकविहार मुनि द्वारा प्रासुक-एषणीय (अचित्त-कल्पनीय) पीठ-फलक
और शय्यासंस्तारक का ग्रहण। """फासुएसणिज्जं पीढ-फलग-सेज्जा-संथारगं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि, सेत्तं फासुयविहारं॥ (भग १८.२१२) प्रीतिदान धर्माचार्य के आगमन पर सूचना देने वाले कर्मचारी को दिया जाने वाला दान। स्वनगरे भगवदागमननिवेदकाय नियुक्तायानियुक्ताय वा हर्षप्रकर्षाधिरूढमानसैर्दीयते तत् प्रीतिदानम्।
(बृभा १२०७ वृपृ ३७४) प्रेक्षा असंयम असंयम का एक प्रकार । स्थान, उपकरण आदि को नहीं देखना अथवा विधिपूर्वक नहीं देखना। प्रेक्षायामसंयमो."स च स्थानोपकरणादीनामप्रत्युपेक्षणमविधिप्रत्युपेक्षणं वा।
(सम १७.१ ७ प ३२) प्रेक्षाध्यान एक ध्यानपद्धति।
प्रायोपगमन अनशन यावत्कथिक अनशन का तीसरा प्रकार। पादपोपगमन, जो निष्प्रतिकर्म होता है। इसे स्वीकार करने वाला साधक जहां अनशन स्वीकार करता है, वहां निश्चेष्ट होकर लेटा रहता
(भग २.४९)
पाओवगमणे"नियमा अप्पडिकम्मे। (द्र पादपोपगमन)
प्रायोपगमन मरण मरण का एक प्रकार। समाधिमरण के लिए उपगमन करना अथवा उपवेशन करना।
(सम १७.९) (द्र प्रायोपगमन अनशन)
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