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(८) क-मन्त्रब्राह्मणम-सम्पादक सत्यव्रत-सामश्रमी । संवत् १९४७ ।
कलकत्ता। ख-मन्त्रब्राह्मणम-प्रथमः प्रपाठकः । सम्पादक Heinrich Stonner.
Halle. सन् १९०१ । (९) संहितोपनिषद ब्राह्मणम-भाष्यसहितम् । सम्पादक-A. C. Burnell.
मंगलोर । सन् १८७७ । (१०) आर्षेय ब्राह्मणम-सम्पादक A. C. Burnell. मंगलोर । सन् १८७६॥ (११) वंशब्राह्मणम–सायणभाष्य सहितम् । सम्पादक-सत्यव्रत सामश्रमी ।
कलकत्ता । संवत् १९४९ ।। (१२) क-सामविधानब्राह्मणम्-सायणभाष्य सहितम् । सम्पादक-सत्यव्रत
सामश्रमी । कलकत्ता । संवत् १९५१ । ख-सामविधानब्राह्मणम-सायणभाष्य सहितम् । सम्पादक A. C.
Burnell. लण्डन । सन् १८७३ । (१३) जैमिनि उपनिषद ब्राह्मणम-सम्पादक-Hanns Octel. देव
नागरी संस्करण । लाहौर । सन् १९२१ । (१४) जैमिनि आर्षेय ब्राह्मणम्-सम्पादक-A. C. Burnell. मगलोर । सन् १८७८ ।
अथर्ववेदीय ब्राह्मण । (१५) क-गोपथ ब्राह्मणम्-सम्पादक-हरचन्द्र विद्याभूषण । कलकत्ता ।
सन् १८७० । ख-गोपथ बाह्मणम-सम्पादक-Dr. Dieuke Gaastra. लाईडन
सन् १९१९ । कोष में संग्रह किये हुए वाक्यों का विषय ।
__ जैसा पूर्व कहा जा चुका है, इस कोष में ब्राह्मणान्तर्गत वैदिक-पदों का निर्वचन तथा अर्थ तो मुख्यतया एकत्र किया ही गया है, पर इसके अतिरिक्त वैदिक देवताओं के गुण, कर्म, स्वरूपादि के सम्बन्धी वाक्यः अनेक उपयोगी वैज्ञानिक वाक्यः तथा यज्ञसम्बन्धी विशेष बातें, वा अन्वेषणोपयोगी अनेक प्रकार के वाक्य भी गंगत निगे गये हैं।
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