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________________ ૨૯ अहिसंधि-अहिसंधि अभिसन्धि । गा० ३३-अहिवण्ण-अहिवण्ण-अधिवर्ण । अद्धजंघा-अद्धजंघा-अर्धजडा। अज्झोलिया-अज्झोलिया-अध्यावलिका-अधिका आवलिका । गा० ३४-अइहारा-अइहारा-अतिभारा-अतिशयेन भाम् प्रकाशम् राति ददाति: अति+मा+रा । रा+अ । रा दाने । अचिराभा-अचिर+आ+भा अचिरेण शीघ्रम् आभाति-भा+अ। भा दीप्तौ। अचिराभा-अइराहा-अइहारा-सा व्युत्पत्तिमा र सने हनी व्यत्यय કરવાનો છે. अद्धक्खिय-अद्धक्खिय-अर्धाख्यात-अर्ध+आख्यात । ख्या+त-पो०। ख्या प्रकथने । असंगय-असंगय-अशुकक । अशू+उक । अश व्याप्तौ- ० ५७ अश्नोति शरीरं व्याप्नोति अंशुक+क । सा शहना अनुस्वारनुस्य सायेत छ. षो० अद्धक्खण-अद्धक्खण-अर्धक्षण । अवत्तय-अवत्तय-अव्यक्तक । गा० ३५-अंतरिज्ज-अंतरिज्ज-अन्तरीय-५४२ ५२वानु अहिक्खण-अहिक्खाण-अहिक्खण-अभिख्यान-८1१।६७ अंतीहरी-अंतीहरी-अन्तिकहरी । अन्तिकं हरति-नयति-अन्तिकहरी-पासे स नारी की साप, तिने ही पृषो० . अक्खवाया-अक्खवाया-अक्षपाता । अक्ष-शकट, पात-गति ४२वी. “अक्षः शकटे"-उम सने० । rni 2-3 वगैरे वाहनो गति ४२. आता-दिशा-नितनिध गा० ३६-अवरिज्ज-अवरिज्ज-अपरीय-अ+पर+ईय । अहियल-अहियल-अभिज्वल-अहिजल अहियल । अवलुया-अवलया-अपरुजा-अप+रुजा । २ नो- सिम २१३।१०४ अवठभ-अवटुंभ-अपष्टम्भ-८१२।३४ अवहाय-अवहाय-अवघात, अपघात-अथवा अवभाग अवयरिय-अवयरिय-अपचर्या-अपचरिया-अवयरिय था अपचरित अवयरिय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016081
Book TitleDesi Shabda Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherUniversity Granth Nirman Board
Publication Year1974
Total Pages1028
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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