________________
णिम्मइअ - णिम्मोअणी
पाइअसहमहण्णवो
णिम्मइअ वि [निर्मित ] रचित, कृत (गा णिम्मल्ल न [निर्माल्य ] देव का उच्छिष्ट ५००; ६०० प्र ) । द्रव्य देवता पर चढ़ाई हुई वस्तु का बचा खुचा ( हे १, ३८ षड् ) । णिम्मव सक [निर् + मा] बनाना, रचना, करना । णिम्मवइ (हे ४, १६: षड् ) । कर्म. निम्मविजंति (वजा १२२) । मिव स [ निर + मापय् ] बनवाना, कराना (ठा ४, ४ कुमा) । जिम्मवत्तु वि [निर्मापयितृ] बनवानेवाला (ठा ४, ४) ।
णिम्मवण न [निर्माण ] रचना, कृति (उप ६४८ टीपा २३, ६५, ३०५) । णिम्मवण न [ निर्माण ] बनवाना, कराना (कप्पू) । णिम्मविअवि [निर्मित ] बनाया हुआ, रचित (कुमाः गा १०१ सुर १६, ११) । णिम्मविअ वि [निर्मार्पित] बनवाया हुआ (कुमा) ।
णिम्मह सक [गम् ] १ जाना, गमन करना । २ . फैलना । णिम्महइ (हे ४, १६२ ) । कु. णिम्मत निम्महमाण ( से ७, ६२ १५, ५३; स १२६) ।
निम्मंथण न [निर्मथन] १ विनाश । २ वि. विनाशक; 'तह य पयट्टसु सिग्धं गत्थनिम्मंथणं तिथं' (सुपा ७१) । णिम्मंसवि [निर्मास] मांस-रहित, शुक (गाया १, १, भग) i म्मिंसा स्त्री [दे] देवी-विशेष, चामुण्डा (दे ४, ३५) ।
म्मिं वि [दे. निःश्मश्रु ] तरुण, जवान, युवा (दे ४, ३२) ।
frfear देखो मिच्छि = निर्मक्षिक (नाट) ।
fuम्मच्छ सक [नि + क्ष] विलेपन करना । रिणम्मच्छइ (भवि) । णिम्मच्छण न [निम्रक्षण] विलेपन (भवि) । णिमच्छर वि [निर्मात्सर्य ] मात्सर्य- रहित, ईर्ष्या - शून्य ( उप पृ ८४ ) । मिच्छवि [निम्रक्षित ] विलिप्त (भवि )। मिच्छन [निर्मक्षिक] १ मक्षिका प्रभाव । २ विजन, निर्जनता ( श्रभि ६८ ) । मिजाय वि [निर्मर्याद] मर्यादा- रहित, बेहया (दे १, १३३) । णिम्मज्जिय वि [निर्मार्जित] उपलिप्त (स ७५)। मिण वि[ निर्मनस् ] मन-रहित (द्रव्य १२) ।
म्मियवि [निर्मनुज ] मनुष्य-रहित
(सण) ।
fणम्मद्दगवि [निर्मर्दक] १ निरन्तर मदन करनेवाला । २ पुं. चोरों की एक जाति (१रह १, ३) । णिम्मद्दिय वि [निर्मर्दित] जिसका मदन किया गया हो ( परह १, ३) । णिम्मम वि [निर्मम ] १ ममता-रहित, निः स्पृह (अच्चु ९६; सुपा १४०)। २ पुं. भारतवर्ष के एक भावी जिनदेव (सम १५४) । ff []गत गया हुग्रा (दे ४, ३४) । णिम्मल वि [निर्मल ] मल-रहित, विशुद्ध ( स्वप्न ७०; प्रासू १३१) । २ पु. ब्रह्मदेवलोक का एक प्रस्तर (ठा ६) ।
Jain Education International
मिह पुं [निर्मथ ] १ विनाश । २ वि. विनाशक (भवि ) ।
निम्महण न [ निर्मथन] १ विनाश । २ वि. विनाश-कारक (सुपा ७५) स्त्री. णो (सुर १६, १८४) । णिम्महिअ वि [गत ] गया हुम्रा (कुमा) । [म्मिहिअ वि [निर्मथित] विनाशित (हेका ५०) ।
४०३
निम्माणि वि [निर्मित ] रचित बनाया हुधा (कुमा) ।
णिमाणि वि [निर्मानित ] श्रपमानित, तिरस्कृत (भवि ) ।
णिमाणुस वि [निर्मानुष ] मनुष्य-रहित (सुपा ४४४) । स्त्री. सी (महा) । णिम्माय वि [निर्मात] १ रचित, विहित, कृत (उव; पात्र वजा ३४ ) । २ निपुण, अभ्यस्त, कुशल (प: कप्प ); 'नाहियसत्थेसु निम्माया परिवाइया' (सुर १२, ४२ ) । निम्मायन [निर्माय ] तप-विशेष, निविकृतिक तप (संबोध ५८ ) । निम्मालिअ देखो णिम्मल्ल ( प्राकृ १९ ) । मिाव सक [ निर् + मापय् ] बनवाना, करवाना | रिगम्मावइ (सरण) । कु. निम्मावित्त (सू २१, २२) । निम्माविवि [निर्मापित ] बनवाया हुआ, कारित कराया हुआ (सुपा २६७ ) । णिम्मि
वि [निर्मित ] रचित, बनाया हुआ (ठा प्रासू १२७) । वाइ वि [वादिन] जगत् को ईश्वरादि-कृत माननेवाला (ठा ८ ) । णिम्मिस्स वि [निर्मिश्र ] १ मिला हुआ, मिश्रित । [ली] श्रत्यन्त नजदीक का स्वजन, जैसे माता, पिता, भाई, भगिनी, पुत्र और पुत्री (वव १० ) । णिम्मीस वि [निर्मिश्र] मिश्रण-रहित (देवेन्द्र २०)।
For Personal & Private Use Only
।
णिम्मा देखो णिम्म । णिम्माइ (प्राकृ ६४) निम्माअंत देखो णिम्म । णिम्माइअ देखो णिम्माय (पि ५९१ ) । णिम्माण सक [निर् + मा] बनाना, करना, रचना सिम्मारणइ (हे ४, १६: षड् ; प्राप्र ) । णिम्माण न [निर्माण ] १ रचना, बनावट, कृति । २ कर्म - विशेष, शरीर के अंगोपांग के निर्माण में नियामक कर्म विशेष (सम ६७ ) । णिम्माण वि [निर्मान] मान-रहित (से ३, ४५) । णिम्माणअ वि [निर्मायक ] निर्माण कर्ता, बनानेवाला (से ३, ४५) ।
1
मी अवि [] श्मश्रु-रहित, दाढ़ी-मूँछ वर्जित (षड् ) ।
णिमुक्कवि [निर्मुक्त] मुक्त किया गया (सुपा १७३) । णिमुक्ख पुं [निर्माक्ष] मुक्ति, छुटकारा | (विसे २४६८ ) ।
णिम्मूल वि [निर्मूल ] मूल-रहित, जिसका मूल काटा गया हो वह ( सुपा ५३५) । णिम्मेर वि [निर्मर्याद] मर्यादा रहित, नि (ठा ३, १ श्रपः सुपा ६) । णिम्मोअ पुं [निर्मोक ] कञ्चुक, केंचुल सर्प की त्वचा (हे २, १८२; भत्त ११० से १, ६०) ।
णिम्मोअणी स्त्री [निर्मोचनी ] कञ्चुक, निर्मोक (उत्त १४, ३५) ।
www.jainelibrary.org