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पाइअसद्दमहण्णवो
अवसउण-अवस्स अवसउण न [अपशकुन ] अनि-सूचक अवसरण देखो ओसरण (पव ६२)। अवसिद (शौ) वि [अवसित] समाप्त, पूर्ण निमित्त , खराब शकुन (प्रोष ८१ भा; गा | अवसरण न [अपसरण] १ पीछे हटना। (अभि १३३, प्रति १०६)। २६१; सुपा ३६३)। ___२ निवृत्ति (गउड)।
अवसिद्धत पुं[अपसिद्धान्त] दूषित सिद्धांत अवसंकि वि [ अपशङ्किन ] अपसरण- | अबसरिय वि [आवसरिक] सामयिक, सम- (विसे २४५७; ६)। कर्ता (सूत्र १, १२, ४)। योपयुक्त (सरण)।
अवसीय अक [अव + सद् ] क्लेश पाना, अवसक्क सक [अव + ष्वक्] पीछे हट | अवसरीर पुं [अपशरीर] रोग, व्याधिः खिन्न होना। वकृ. अवसीयंत (पउम ३३, जाना । अवसक्केजा (प्राचा)।
'सवावसरीरहियो' (उप ५६७ टी)। अवसक्कण न [अवध्वष्कण] अपसरण, पीछे अवसवस वि [अपस्ववश] पराधीन, पर- अवसुअ अक [उद् + वा] सूखना, शुष्क हटना (पंचा १३)। तन्त्र रणाया १, १६)।
होना । अवसुप्रइ (षड्)। अवसक्कि वि [ अवष्वष्किन् ] पीछे हटने | अवसब न [अपसव्य वाम पार्श्व (णंदि |
| अबसेअ ' [अवसेक सिंचन, छिड़काव वाला (प्राचा)। १५९)।
(अभि २१०)। अवसण्ण वि [दे] झरा हुआ, टका हुआ | अवसव्वय न [अपसव्यक] शरीर का
अवसेअ वि[अवसेय जानने योग्य (विसे (षड्)। दहिना भाग (उप पृ २०८)।
२६७१)। अवसण्ण वि [अवसन्न] निमग्न, 'नागो अवसह पुं [आवसथ] घर, मकान (उत्त
अवसें (अप) देखो अवसं (हे ४, ४२७)। जहा पंकजलावसरणों (उत्त १३, ३०)। ३२)। अवसद्द पुं[अपशब्द] १ अशुद्ध शब्द अवसह न [दे] १ उत्सव । २ नियम (दे
अवसेण देखो अवसंः 'अवसेण भुजियव्वा (सुर १६, २४८) । २ खराब वचन (हे १,
(पउम १०२, २०१)। १,५८)। १७२)। ३ अपकीति, अपयश (कुमा)। |
अवसेस पुं [ अवशेष ] १ अवशिष्ट, बाकी अवसप्प अक [ अव + सुप्] पीछे हटाना। किया हुआ (से १०, ६३)।
(सुपा ७७)। २ वि. सब, सर्व (उप २११ २ निवृत्त होना। ३ उतरना। अवसपंति
टी)। अवसाण न [अवसान] १ नाश। २ अन्त (पि १७३)।
अवसेसिय वि[अवशेषित] १ समाप्त भाग (गउड; पि ३६६)। अवसप्पण न [अपसर्पण] अपसरण, अप
किया हुआ, पार पहुंचाया हुअा ( से ४, वर्तन (पउम ५६, ७८)। अवसाय पुं[अवश्याय हिम, बर्फ (गउड)।
४७)। २ बाकी का, अवशिष्ट (भग)। अक्सपि वि [अपसपिन] १ पीछे हटनेअवसारिअ वि [अप्रसारित] न फैला हुआ,
अवसेह सक [गम् ] जाना। अवसेहइ (हे वाला। २ निवृत्त होनेवाला (सूम १, २, अविस्तारित ( से, १)।
४, १६२) । अवसेहंति (कुमा)। अवसारिअ वि [ अपसारित १ प्राकट, अवरोह प्रक [नश1 भागना, पलायन अवसप्पिय वि [अपसर्पित] १ अपमृत । खींचा हुआ (से १, १)। २ दूर किया हुआ,
करना । अवसेहइ (हे ४, १७८; कुमा)। २ निवृत्त । ३ अवतीरणं (भवि)। हटाया हुआ (सुपा २२२)।
अवसोइया स्त्री [अवस्वापिका] निद्रा (सुपा अवसप्पिणी देखो ओसप्पिणी (भग ३, २; अवसावण न [अवस्रावग] १ कोजी (बृह भवि)। १)। २ भात वगैरह का पानी (सूक्त
अवसोग वि [अपशोक १ शोक-रहित । अवसमिआ (दे) देखो अंबसमी (दे १. ८६)।
२ देव-विशेष (दीव)। अवसावणिया स्त्री [अवस्वापनिका] अवसय वि [अपशद] नीच, अधम (ठा ४, |
अवसोण वि [अपशोण] थोड़ा लाल सुलानेवाली विद्या (धर्मवि १२४) ।
(गउड)। अवसिअ वि [अपसृत] पीछे हटा हुआ अवसोवणी स्त्री [अवस्वापनी] निद्रा (सुपा अवसर अक [अप+स] १ पीछे हटना। (से १३, ६३)।
__ ४७)। २ निवृत्त होना । अवसरइ (हे १, १७२)। अवसिअ वि [अवसित] १ समाप्त, परि- अवस्स वि [अवश्य | जरूरी, नियत (पावम, कृ. अवसरियव्य (उप १४६ टी)। पूर्ण । २ ज्ञात, जाना हुआ (विसे २४८२) । आव ४)। कम्म न [°कर्मन् ] आवश्यक अवसर सक [अव + स] आश्रय करना। | अवसिज अक [अव + सद् ] हारना, क्रिया (प्राचू १)। करणिज वि [करणीय संकृ. 'प्रोसरणम् अवसरित्ता' (चउ १८)। | पराजित होनाः ‘एक्कोत्रि नावसिजई' (विसे अवश्य करने लायक कर्म, सामयिक आदि । अवसर पुं अवसर] १ काल, समय २४८४)।
किरिया स्त्री [क्रिया] आवश्यक अनुष्ठान (पान)। र प्रस्ताव, मौका (प्रासू ५७; अवसित्त वि [अवसिक्त] सींचा हुआ (रंभा (भाचू १) । 'किच वि [कृत्य] आवश्यक (महा)।
३१)।
. कार्य (दे)।
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