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अणुयत्त-अणुवच्चिअ
पाइअसद्दमहण्णवो अणुयत्त देखो अणुवत्त = अनु + वृत् । अणु- अणुरागय वि [अन्वागत] १ पीछे पाया अणुलोम सक [अनुलोमय् ] १ क्रम से यत्ता (भवि)। वकृ. अणुयत्तंत, अणुयत्त- हुआ। २ ठीक-ठीक आया हुमा। ३ न. । रखना । २ अनुकूल करना । संकृ. अणुलोममाण (पंचभा; विसे १४५१)। संकृ. अणु- स्वागत (भग २, १)।
इत्ता (ठा ६) यत्तिऊण (गउड)।
अणुरागि देखो अणुराइ (महा)। अणुलोम न [अनुलोम] १ अनुक्रम, यथाक्रमः अणुयत्त देखो अणुवत्त = अनुवृत्त (भवि)। | अणुराय देखो अणुराग (प्रासू १११)।
अणुराय देखो अणुराग (प्रासू १११)। 'वत्थं दुहागलोमेण तह य पडिलोमयो भवे अणुयत्तणा स्त्री [अनुवर्तना] १ बीमार की
| अणुराहा स्त्री [अनुराधा नक्षत्र-विशेष (सम वत्थं' (सुर १६, ४८)। सेवा-शुश्रूषा करना (बृह १)। २ अनुसरण ।
अणुलोम वि [अनुलोम] सीधा, अनुकूल ३ अनुकूल वर्तन (जीव १)।.
अणुरंध सक [अनु + रुध] १ अनुरोध (जं २) अणुयत्तिय वि [अनुवृत्त अनुकूल किया
करना। २ स्वीकार करना। ३ आज्ञा का अणुल्लग देखो अणुल्लय (सुख ३६, १३०)। हुआ, प्रसादित (सुपा १३०)।
पालन करना। ४ प्रार्थना करना। ५ अक. अगुल्लण वि [अनुल्बण] अनुद्धत, अनुद्भट अणुयरिय वि [अनुचरित] आचरित, अनु
अधोन होना। कर्म. अणुरुधिजइ (हे ४, २४८ (बृह ३) ष्ठित (णाया १, १)
प्रामा)।
| अणुल्लय पुं [अनुल्लक] एक द्वीन्द्रिय क्षुद्र जन्तु अणुया देखो अणुण्णा (सूत्र २, १)।
अणुरूअवि [अनुरूप] १ योग्य, उचित (उत्त ३६) अणुयाव देखो अणुताव (स १८३)।
अणुरूव ।(से ६, ३६)। २ अनुकूल (सुपा | अणुल्लाव पुं [अनुल्लाप] खराब कथन, दुष्ट अणुयास पुं [अनुकाश] विशेष विकास
११२) । ३ सदृश, तुल्य (गाया १, १६) ।
व्य (णाया १, १६)। उक्ति (ठा ३)। (णाया १,१)। ४ न. समानता, योग्यता (सम्म)
अणुव पुंदे] बलात्कार, जबरदस्ती (दे १, अणुरंगा स्त्री [दे] गाड़ी (बृह १)।
अणुरोह पुं[अनुरोध] १ प्रार्थना, 'ता ममा
गुरोहेण एत्थ घरे निच्चमेव प्रागंतव्वं' (महा)। अणुरंगि वि [अनुरङ्गिन ] अनुकरण-कर्ता
गतव्य (महा)।
अप
अणुवइट्ट वि [अनुपदिष्ट] १ अ-कथित, अ२ दाक्षिण्य, दक्षिणता (पास)।.
व्याख्यात । २ जो पूर्व-परम्परा से न माया हो, (सुज १०, ८)।
अणुरोहि वि [ अनुरोधिन् ] अनुरोध करने- 'अगवट्ठ' नाम जं जो पायरियपरंपरागयं अणुरंगिय वि[अनुरङ्गित रंगा हुआ (भवि)। वाला (स १२१)।।
(नीचू ११) अणुरंज सक अनु + रञ्जय् ] अनुरागी | अलग्ग वि [अनुलग्न] पीछे लगा हुआ (गा | अणुवउत्त वि [अनुपयुक्त] असावधान करना, प्रीरिणत करना। वकृ. अणुरंजअंत ३४५, सुर ३, २२६७ सूक्त ७)
(विसे)। (नाट)। संकृ. अणुरंजिअ (नाट)।
अणुलद्ध वि [अनुलब्ध] १ पीछे से मिला अणुवएस पुं[अनुपदेश] १ अयोग्य उपदेश अणुरंजण न [अनुरञ्जन राग, आसक्ति (विसे !
हुआ । २ फिर से मिला हुआ (नाट)। (पंचा १२)। २ उपदेश का प्रभाव । ३ २६७७)।
कअणुलाव पुं [अनुलाप] फिर-फिर बोलना अणुरंजिएल्लय । वि [अनुरञ्जित] अनुरक्त अणुरंजिय
अणुवओग वि [अनुपयोग] १ उपयोग-रहित। (ठा ७)। किया हुआ, अनुरागी बनाया
अणुलिंप सक [अनु + लिप्] १ पोतना, २ उपयोग का प्रभाव, असावधानता (अणु)।। हुआ (जं ३, महा)।
लेप करना । २ फिर से पोतना। संकृ. अणु- अणुवंक वि [अनुवक्र] अत्यंत वक्र, बहुत अणुरक्क वि [अनुरक्त] अनुराग-प्राप्त, प्रेम
लिंपित्ता (पि ५८२)। हेकृ. अणुलिंपित्तए टेढ़ा; 'जाव अंगारप्रो रासि विश्र अणुवंकं परिप्राप्त (नाट)। (पि ५७८)।
गमणं ण करेदि' (माल ६२)। अणुरज्ज अक [अनु + रङ्ग् ] अनुरक्त
अणुलिपण न [अनुलेपन] लेप, पोतना (पएह अणुवंदण न [अनुवन्दन] प्रति-नमन, प्रतिहोना, प्रेमी होनाः 'अणुरजंति खणेणं जुवईउ
२, ३)।४ खणेण पुण विरजंति' (महा)।
प्ररणाम (साधं ३६) अणुलित्त वि [अनुलिप्त] लिप्त, पोता हुआ अणुवक देखो अणुवंक (पि ७४)। अणुरत्त देखो अणुरक्क (णाया १, १६)।
अणुवक्ख वि[अनुपाख्य] नाम-रहित, अनिअणुरसिय वि [अनुरसित] बोलाया हुआ, अणुलिह सक [ अनु + लिह.] १ चाटना ।
वंचनीय (बृह १) आहूत (गाया १, ६)।
२ छूना। वकृ. अणुलिहंत (सम १३१);
| अणुवक्खड वि [अनुपस्कृत] संस्कार-रहित अणुराइ 1 वि [अनुरागिन् ] अनुराग- ‘गयणयलमणुलिहंत' (पउम ३६, १२)
(पाक) (निचू १)। अणुराइल्ल) वाला, प्रेमी (स ३३०० महा: अणुलेवण न [अनुलेपन] १ लेप, पोतना
अणुवञ्च सक [अनु + व्रज् ] अनुसरण सुर १३, १२०)।।
(स्वप्न १४)। २ फिर से पोतना (पएण २) करना, पीछे-पीछे जाना। अणुवञ्चइ (हे ४, अणुराग पुं[अनुराग प्रेम, प्रीति (सुर ४, अणुलेविय वि [अनुलेपित] लिप्त, पोता हुआ; १०७)। २२८)।
'कम्माणुलेविनो सो' (पउम ८२, ७४) अणुवञ्चिअ बि [अनुव्रजित] अनुसृत (कुमा)/
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