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________________ उभय संपादकोए क्रमांक १०० श्रीवंदनप्रतिक्रमणावचूरि, १०२ श्रीआद्यपंचाशकचूर्णी, १०३ श्रीदशवकालिकावचूरि संपादन कर्यां. समचानां वहेण चाले छे ने कुदरत कुदरतनु कार्य करे छे. तेमां सहसंपादक मुनिश्रीक्षेमंकरसागरजी महाराज सं० २०११ मां झेरी जानवरना डंसथी स्वर्गवास थया. आथी सह संपादक तरीके मुनिश्रीप्रमोदसागर जी जोडाया. ते उभय संपादकोए अमारी संस्थाना नीचे मुजबना ग्रन्थो संपादित कर्या. ग्रन्थांक १०४ उत्तराध्ययनावचूरि भा० १, १०५ पिण्डनियुक्ति-अवचूरि, ११२ उत्तराध्ययनावचूरि भा० २ सचित्र, ११५ श्रीअल्पपरिचितसैद्धातिकशब्दकोष भा० २, ११६ श्रीअल्पपरिचितसैद्धान्तिकशब्दकोष भा० ३, १२३ श्रीआवश्यकावचूरि भा० १ (श्रीधीरविमलसूरि), १२५ श्रीअल्पपरिचितसैद्धान्तिकशब्दकोष मा० ४ अने आ १२६ श्रीअल्पपरिचितसद्धान्तिकशब्दकोष ५ परिशिष्ट बे सहित. आरीते अमारी आ संस्थाना संपादन कार्यमां तेमनो परिश्रम छे. आ पाचमा भागमां आ कोष पूर्ण थयो छे. संपादकश्रीए पहेला भागमा अनेक विगतो कोष अंगे आपी छे. अने बाकीनी केटलीक विगतो आ भागना संपादकीमां आपशे. अभारी सस्थामा पूर्वमां झवेरी जीवणचंद साकरचंद संचालनकार्यमां कालजी राखता हता. तेमना स्वर्गवास पछी झवेरी केशरीचंद होराचंद तेमा संपूर्ण रस लेता हता पण काल सर्वभक्षी छे. तेओ पण सं० २०३३ मां स्वर्गे सिधाव्या. एटले ट्रस्टीओ वती बधीए जवाबदारी मारे शीरे आवी. आगमोद्धारकश्री तो उपकारी ज छे. पण संपादकोनो आभार मानीए छीए, तेम ज अमारा कार्यकर्ताओने पण याद करीए छीए. वली पं० श्री प्रबोधसागरजी महाराजे शुद्धीकरण करी आप्यु छे तेमने पण याद करीए छीए. जैनेन्द्रप्रेसना मालिक परमेष्ठदासे पण खंतथी छापी आप्युते बदल तेमने याद करीए छीए. तमोनो स्वर्गवासथतां तेमना चिरंजीवीओए आ कार्यपुर्ण करी आप्यु छे. अर्थात् ते सर्वना अमे ऋणी छोए. जाणे के आजाणे संपादकथी के अमाराथी कांइ क्षति थइ होय तो मिच्छामि दुक्कडं. अमारी अभ्यर्थना ए छे के सुज्ञपुरुषो अमारा आ प्रकाशननो यथायोग्य उपयोग करशे. ए भावना साथे विरमीए छीए. म० सु० २ सोम वि० सं० २०३५ ट्रस्टीमंडल वती मोतीचंद मगनभाइ चोकसी २६-१-१९७९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016078
Book TitleAlpaparichit Siddhantik Shabdakosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Sagaranandsuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1979
Total Pages316
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, & agam_dictionary
File Size20 MB
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