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मेळववामां आ कोश उपयोगी थयो छे. सार्थ गूजराती जोडणीकोश, प्रका. गूजरात विद्यापीठ, अमदावाद, १९६७ (पांचमी आवृत्ति).
शब्दोना गुजराती पर्यायो आपवा उपरांत एना संस्कृतादि मूळनो शक्य होय त्यां निर्देश कर्यों छे. साधित शब्दो मूळ शब्दोना पेटामां लीधा छे ने रूढिप्रयोगो पण त्यां लई लीधा छे. कोशनी आ पांचमी आवृत्तिमा ६८४६७ शब्दो छे. ___आ कोशना केटलाक तळपदा शब्दो मध्यकाळ साथे समान छे, तेथी अर्थ निश्चित करवामां आ कोशनो उपयोग थयो छे.
आ उपरांत, शब्द अने अर्थ (भोगीलाल सांडेसरा), लोकसाहित्य शब्दकोश तथा संतसाहित्य शब्दकोश (जेठालाल त्रिवेदी), डिक्शनरी ऑव् इन्डो-आर्यन लैंग्वेजीझ, अन्य केटलाक कोशो तेमज केटलाक जैनधर्मविषयक ग्रंथोनो प्रसंगोपात्त उपयोग करवानो थयो छे.
सांकेतिक चिह्नो अने सामान्य संक्षेपाक्षरो [ ] आ कौंस सर्वत्र संपादकीय नोंधने निर्देशे छे.
(१) आ कौंसमां मुकायेला मध्यकालीन शब्द मूळ कृतिमां पाठांतर रूपे मळे छे एम समजवान छे. (२) आ कौंसमां मुकायेली व्युत्पत्तिओ मूळ आधारग्रंथमा छे एम समजवानुं छे. फूदडीनी निशानी (9) मध्यकालीन शब्दनी पूर्वे होय त्यारे ए शब्दनु ए रूप शंकास्पद होवानुं दर्शाये छे; (२) आधारग्रंथना संक्षेपाक्षरनी पूर्वे होय त्यारे ए आधारग्रंथनो अर्थ छोडवामां आव्यो छे एम दर्शवे छे; (३) आपेला अर्थनी पूर्वे होय त्यारे ए अर्थ विशेनो संशय दर्शावे छे अने (४) अपायेली व्युत्पत्तिनी पूर्वे होय त्यारे ए व्युत्पत्तिनी प्रमाणभूतता शंकास्पद होवार्नु दर्शावे छे, पण संस्कृत शब्दरूपनी तरत पूर्वे होय त्यारे ए कल्पित रूप छ एम दर्शावे छे. मींडानी निशानी आधारग्रंथना संक्षेपाक्षरनी पूर्वे ज आवे छे अने मध्यकालीन शब्द ए आधारग्रंथमां निर्दिष्ट पृष्ठ पर मळतो नथी, अथवा तो एमां पृष्ठांकनो निर्देश नथी एम दर्शावे छे. अरबी अपभ्रंश
उर्दू
कनड
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