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अनुभव आपणे माटे अशेष थई गया नथी. आपणी ज्ञातिसंस्थानुं अस्तित्व मट्युं नथी, एणे नवां कार्यो स्वीकारी पोतानी जातने टकावी राखी छे. धार्मिक संस्थाओ हजु मजबूत अने प्रभावक रही छे, अने धार्मिकता - आध्यात्मिकताना नवां मोजां पण लहेरातां देखाय छे. मध्यकालीन साहित्यनी दुनिया आपणे माटे सर्वांशे परायी थई गई होय एवं लागतुं नथी. एमां एवा अंशो जरूर छे जेनी साथे आपणुं चित्त अनुबंध जोडी शके. ऊलटुं आधुनिक साहित्यना केटलाक मनोभावो बहुजनसमाजने पराया जेवा लागे छे अने एमां रस लेवानुं एमनाथी थतुं नथी.
मध्यकालीन साहित्यमां केटलाक जीवनप्रदेशो अनुभवक्षेत्रो बाकात रह्यां छे जरूर, पण एनी दुनिया आपणे मानी लीधी छे एटली सांकडी छे के केम ए विचारवा जेवुं छे. स्थूळ रीते ज जोईए तो ज्ञान-भक्ति-वैराग्यना विपुल पदसाहित्य उपरांत एमां फागु- बारमासा जेवां केवळ प्रकृतिवर्णन ने मनोभाववर्णननां काव्यो छे, पौराणिकलौकिक-ऐतिहासिक कथाकाव्यो छे, चरितकाव्यो छे, रूपककाव्यो छे, तत्त्वविचारात्मक ने खंडनमंडनात्मक कृतिओ छे, विवादकाव्यो छे, तथा अनेक प्रकीर्ण प्रकारनी कृतिओ छे. आपणा साहित्य - इतिहासो मध्यकाळना साहित्यना सर्व आविष्कारोनी पूरती नोंध भाग्ये ज लई शके छे. जेमके, आपणे गणतर ऐतिहासिक काव्योनी नोंध लई, ए प्रकारना साहित्यनी ओछपनी फरियाद करता होईए छीए, पण जैन कविओने हाथे श्रेष्ठीओ तथा साधुओनां चरित्र तेमज तीर्थयात्राओ वर्णवता जे अनेक रासाओ रचायेला छे एमां पडेली इतिहाससामग्री आपणा लक्ष बहार होय छे. ऋषभदासकृत 'हीरविजयसूरि रास 'मांथी मळतो मोगलकाळनो केटलोक इतिहास आनो एक दाखलो छे. समकालीन प्रजाजीवननी घणी रेखाओ पण आ रासाओमां गूंथायेली होय छे. वैष्णव आचार्योनां केटलांक चरितकाव्योमां पण आवी सामग्री छे, जेने विशे आपणे लगभग कशुं जाणता नथी. स्वामिनारायण संप्रदायमां सहजानंद स्वामी विशनां अनेक काव्योमांथी पण आ प्रकारनी सामग्रीनो अभ्यास करवानुं हजु बाकी छे. सांस्कृतिक अध्ययननी तो भरपूर सामग्री मध्यकालीन साहित्यमां वेरायेली पडी छे. वर्णकोने रूपे एवी सामग्री संचित पण थई छे. भोगीलाल सांडेसरा - संपादित 'वर्णकसमुच्चय' ना बे भागमां वर्णको ने एनो अभ्यास प्रस्तुत थयां छे ए आना नमूनारूप छे एमां आवरी लेवायेला विषयो केटलाबधा छे : भोजनसामग्री, वस्त्रो, आभूषणो अने सुशोभनो, रत्नो, विद्याकला अने मंत्र, लिपि, वाजिंत्र - वाद्य, देशप्रदेश स्थानविशेष आदि, नगररचना अने स्थापत्य, राजलोक अने पौरलोक, राजवंश, शस्त्रास्त्रो अने युद्धसामग्री, अश्वजाति, करवेरा, नौयान, रोग, व्रत, लब्धि. आ विषयोनी केटली वीगतो प्राप्त छे ए जोईए तो आशरे ३५० जेटला खाद्य पदार्थो अने वानगीओ नोंधायेल छे; पदार्थोनी जुदीजुदी जातिओ
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