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सूचिसूत्र-सूत्र
सूचिसूत्र न. ( सूचे: सूत्रम्) सोयनो छोरो. सूचीकटाह (पुं.) ते नामे खेड न्याय सूचीक्षेत्र न. ( सूच्याख्यं क्षेत्रम्) सोयना खारनुं क्षेत्र. सूचिदल न. सूचीपत्रक पुं. ( सूचीव दलानि यस्य /
पुं. सूचीपत्र + संज्ञा. कन्) सितावर नामे खेड आउ सूचीपत्र न. ( सूच्या: पत्रम्) अन्धना विषयने भावनार કોઠા વગેરે.
सूचीपत्रा स्त्री. (सूचीव पत्रमस्याः टापू) खेड भतनी घोजउ.
सूचीपुष्प पुं. ( सूचीवत् सूक्ष्मम् पुष्पं यस्य) देवानुं
उ.
सूचीमुख न. ( सूच्याः मूखम् ) सोयनुं भों- सूचीमुखेन
सकृदेव कृतव्रणस्त्वं मुक्ताकलाप ! लुठसि स्तनयोः प्रियायाः । बाणैः स्मरस्य शतशो विनिकृत्तमर्मा स्वप्नेऽपि तां कथमहो न विलोकयामि सा० द०
८।६१२। (न. सूचीव मुखं यस्य) हीरो, धोनी
शब्दरत्नमहोदधिः ।
हाल.
सूचीरोमन् पुं. (सूचीव रोमास्य) वराह, लूंड, डु४२. सूचीवत् पुं. (सूचीव तदाकारचञ्चुरस्त्यस्य मतुषु मस्य वः) गरुड.
सूच्य त्रि. ( सूच् + यत्) सूयववा साय, आववा योग्य, કહેવા લાયક.
सूच्यग्र न. ( सूच्याः अग्रम्) सोयनो अग्रभाग, सोयनी सी.
सूच्यग्रस्थूलक पुं. (सूच्यग्रमिव स्थूलः स्वार्थे कः ) એક જાતનું ઘાસ.
सूच्यास्य पुं. (सूचीव आस्यमस्य ) G६२. सूच्यास्या स्त्री. (सूच्यास्य + स्त्रियां टाप्) ७६२ डी. सूच्याहव पुं. (सूच्या आह्वा यस्य) सितवार नाभे खेड 115.
सूत पुं. (सू-प्रसवे, प्रेरणे ऐश्वर्य्यं वा + क्त) सूर्य, खडानु झाउ, क्षत्रियथी ब्राह्मण स्त्रीमा उत्पन्न थयेली खेड वसं४२, विश्वर्मा, सारथि पुनः पुनः सूतनिषिद्धचापलं हरन्तमश्वं रथरश्मिसंयतम्रघु० ३।४२। जंही लाटयार, सूतपुराशी - नेनुं नाम सोमहर्षण छे. (पुं. न.) पार-पारो ( त्रि. सू-प्रसवे
प्रेरणे + क्त) उत्पन्न रेस, प्रेरणा रेल, उत्पन्न थयेस. सूतक न. ( सू + भावे क्त + स्वार्थे कन् ) ४न्म मृत्युनुं
सूत.
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सूततनय, सूततनुज, सूततनूज, सूतपुत्र, सूतसुत, सूतसूनु पुं. ( सूतस्य तनयः / सूतस्य तनुजः / सूतस्य तनूजः / सूतस्य पुत्रः / सूतस्य सुतः / सूतस्य सूनुः ) राधापुत्र [. - स्पर्धमानस्तु पार्थेन सूतपुत्रोऽत्यमर्षणः
महा० १।१३५ । ११ ।
सूति स्त्री. (सू+भावे क्तिन्) प्रसव, ४न्म, उत्पत्तियथा हि सूत्यामभिजातकोविदाः समादिशन् भाग० १।१६।१। पेछाश, भगवु.
सूतिका स्त्री. ( सू + क्त स्वार्थे क अत इत्वं टाप्) सुवावडी
સ્ત્રી, તુરતમાં જેણે જણ્યું હોય તેવી સ્ત્રી. सूतिकागार, सूतिकागृह, सूतिकाभवन, सूतिवेश्मन् न. (सूतिकायाः आगारम / सूतिकायाः गृहम् भवनम् / सूतेः वेश्म) सुवावडीने रहेवा सायड घर, भ्या સુવાવડી રહેતી હોય તે ઘર. सूतिकाराग, सूतिरोग पुं. ( सूतिकायाः रोगः/सूतेः रोगः ) सुवावडीनो रोग. सूतिकावेश्मन् सूतिगृह न. ( सूतिकायाः वेश्म / सूत्याः प्रसवस्य गृहम् ) सुवावडीने रहेवा सायड घर, भ्या सुवावडी रहे ते घर- सूतीगृहे ननु जगाद भवानजो
नः - भाग० १० १८५/२०
सूतिकाषषी, सूतिषष्ठी स्त्री. (सूतिकागृहे पूज्या षष्ठी/ सूतेः षष्ठी) सूतिडा गृहमां प्रसवधी छठे हिवसे પૂજવાની ષષ્ઠીદેવી.
सूतिमास पुं. ( सूते: मासः) गर्मिशी स्त्रीनो भगवानो છેલ્લો મહિનો.
सूत्थान त्रि. (सुष्ठु उत्थानं उद्योगो यस्य) यतुर, भ अश्वामां मशगूल, होशियार.
३ अढवी.
सूत्पर न. ( सु+उत्+पृ+अप्) सूत्या स्त्री. ( सू+क्यप् निपा. साधुः) यज्ञना अंग३५ એક સ્નાન, સોમરસ કાઢવો.
सूत्याशौच न. ( सूतिनिमित्तकमाशौचम् ) ४न्म निमित्त सूत.
सूत्र (चु. उभ. स. सेट् -सूत्रयति - ते) गूंथ. वींj. सूत्र न. ( सूत्र + अच्) वस्त्र साधन, सूत्र-सूतर, सूतरनी
तांतशो- मणी वज्रसमुत्कीर्णे सूत्रस्येवास्ति मे गतिःरघु० ११४ | व्यवस्था, नाटडनो प्रस्ताव, अस्य शब्छोमां ગંભીર અને વિસ્તૃતભાવ દર્શાવનારું એક શાસ્ત્રવાક્ય, ४नोह
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