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२००६
शब्दरत्नमहोदधिः।
[श्यामक-शोभनेय
नाम-उत्तर० । - सोऽयं वटः श्याम इति प्रतीतः- | ansl, गो, स्तूरी, 42पत्री वनस्पति. वन्य रघु० १३ १५३। ओयद पक्षी, मेघ, stuो . वनस्पति, जी Aut., पी५२, ४१६२, जी , (प्रत्याख्यात-विशेषकं कुरबकं श्यामावदातारुणम्- तुलसी, गाय, छाया, पायी, सीसम, जी. 2.50, मालवि० ३.५। -कुवलयदलश्यामस्निग्धः-उत्तर० ઠંડીમાં ગરમીવાળી અને ગરમીમાં ઠંડક આપતી ४।१९। दीयो , धंतूरो, पासुनु उसामो धान्य, सोनशनीस्त्री, सोगवनी स्त्री. -यौवनमध्यस्थमन वृक्ष, में घास. (न.) Clvi, मरी, सैन्धव. शिशु० ८।३६।-या, शीते सुखोष्णसर्वाङ्गी ग्रीष्मे या (त्रि.) . "अग्रे सीनखपाटलं कुरबकं सुखशीतला/ तप्तकाञ्चनवर्णाभा सा स्त्री श्यामेति श्यामद्वयोर्भागयोः ।" दी...
कथ्यते-भट्टि० ५।१८। हिमालयनी पुत्री जी, सुगन्धी श्यामक न. (श्याम+संज्ञा. कन्) मे.तनु घास.. द्रव्य, Lal, ५५७४, 6५८सरी वनस्पति. ___ (पुं. श्याम+कन्) सामो धान्य.
श्यामाक पुं. (श्याममिव कायति के+क) सामी धान्य, श्यामकण्ठ पुं. (श्यामा कण्ठो यस्य) शिव, भो२५६.. ___श्यामाकमुष्टिपरिवर्धितको जहाति-शकुं० ४।१३। श्यामकण्ठी स्त्री. (श्यामकण्ठ+स्त्रियां जाति. ङीष्) श्यामाग पुं. (श्यामं हरिद्वर्णमङ्गमस्य) बुध पड. (न. भोर ५क्षिए..
श्यामं च तत् अङ्ग च) गुं शरी२. (त्रि. श्याम श्यामकन्दा स्त्री. (श्यामः कन्दो यस्याः) मnिt. ____ अङ्गं यस्य) stml शरी२auj. जी.
श्यामागी स्त्री. (श्यामाङ्ग+स्त्रियां जाति. ङीष्) stu. श्यामकाण्डा, श्यामग्रन्थि स्त्री. (श्यामः काण्डोऽस्याः। शौण्डीर त्रि. (शुण्डा गर्वोऽस्त्यस्य ईरन् स्वार्थे अण्) श्यामोग्रन्थिरस्याः) में तनी धीम.
ગર્વિષ્ટ, અભિમાની. श्यामता स्त्री., श्यामत्व न. (श्यामस्य भावः, तल्+टाप्- | शौण्डीर्य (न.) गर्व, गुमान. त्व) , दीदास.
शौद्र पुं. (शूद्रायां द्विजातिभिरूढायां भवः अण्) शूद्र श्यामपत्र पुं. (श्यामानि पत्राणि यस्य) तमा वृक्ष. स्त्रीमद्वितिय त्यत्र ययेदो पुत्र.. श्यामल पुं. (श्याम+ला+क) पीपणानुं , stो | शौद्र त्रि. (शूद्रस्येदं, शूद्र+अण्) शूद्र संबन्धी, शूदनु.
२०ी - निशितश्यामलस्निग्धमुखी शक्तिः । शौद्री स्त्री. (शूद्र+अण+स्त्रियां डीप्) शूद्र स्त्रीथी 6त्पन्न
वेणी० ४। मम२; ami भरी. (त्रि.) आणु, दीj.. थयेटी पुत्री. श्यामलचूडा स्त्री. (श्यामला चूडा यस्याः) 28... शौद्धोदनि पुं. (शुद्धोदनस्यापत्यं इञ्) युद्धमुनि.. श्यामलता स्त्री. (श्यामा चासो लता च) मे वनस्पति, | शोधिका स्त्री. (शोधः शोधनं मलविरेकस्तस्मै हितः जी. वेस.
टक्+टाप्) राती ८२. श्यामलता स्त्री., श्यामलत्व न. (श्यामलस्य भावः । शौन न. (शूना+अण्) वधस्थान संबन्धी. मांस.. तल्+टाप्-त्व) , श.
शौनक पुं. (शुनकस्यापत्यं अण्) ते नामना मुनि, श्यामला स्त्री. (श्यामं कृष्णं लाति ददाति, ला+क+टाप्) જેમણે ઋગ્વદ, પ્રાતિશાખ્ય તથા બીજી અનેક વૈદિક
मासंघ. वनस्पति, जुडी, उस्तूरी, वनस्पति. રચનાઓ કરી છે તે. श्यामलिका स्त्री. (श्यामलो वर्णोऽस्त्यस्याः, ठन्+टाप्) | शौनिक पुं. (शूना प्राणिवधस्थानं प्रयोजनमस्य, ગળીનો છોડ.
शूना+ठक्) मांस वेयनार, SALS, BASEN -छद्मना श्यामलेक्षु पुं. (श्यामलश्चासौ ईक्षुश्च) 5जी. सेबी. परिददामि मृत्यवे, शौनिको गृहशकुन्तिकामिव-उत्तर० श्यामसुन्दर पुं. (श्यामोऽपि सुन्दरः) श्रीकृष्णा.
१।४५। शि२. श्यामा स्त्री. (श्यै+मन+टाप्) छो, नहि थयेस. स्त्री, | शौभ न. (शोभायै हितं अण्) Ani. ३२.२प्रियंगु हुआओ, यमुना नही, वागुलि श६ हुआ, जी | ___रिश्चन्द्रनु, श२. (पुं. शुभाय हितः शुभ+अण्)
त्रि. -श्यामां श्यामालमानमानयत भोः ४, सोपारी. सान्द्रेर्मषोकूर्चकः"- विद्ध० ३।१। अj, नसोत२, शौभनेय पुं. (शोभनाया अपत्यं ढक्) सुंदर स्त्रीनी २tml, गुगल, सोमवता, गुन्द्रा शुभो, कुष्णा शुओ, .
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