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१०८२ शब्दरत्नमहोदधिः।
[दुर्गन्धाङ्ग-दुर्गाह्य दुर्गन्धाङ्ग त्रि. (दुर्गन्धोऽङ्गे यस्य) दुष्ट गंधवाu inाj / दुर्गसंपत् स्री. (दुर्गस्य संपत्) Baन संपत्ति... दुर्गन्धिन् त्रि. (दुर्गन्धोऽस्त्यस्य इनि) हुष्ट गंधवाj, दुर्गसिंह (पुं.) ते नमन। '५-परिशिष्ट'२ औ.5
५२. गंधवाणु- चर्मावनद्धं दुर्गन्धि पूर्ण मूत्रपुरीषयोः विद्वान. -मनु० ६७६।
दुर्गा स्री. (दुःखेन गम्यते प्राप्यतेऽसौ गम्+ड ततष्टाप्) दुर्गन्धिनी स्त्री. (दुर्गन्धिन्+स्त्रियां ङीप्) हुष्ट गंधवाणी पार्वती, हुा हवी. -यः स्मरेत् सततं दुर्गा जपेद् यः એક વનસ્પતિ-લતા.
परमं मनुम् । स जीवलोको देवेशि ! नीलकण्टत्वदुर्गपति, दुर्गपाल पुं. (दुर्गस्य पतिः/दुर्गे दुर्गं वा माप्नुयात् . मुण्डमालातन्त्रम् । जान जाउ,
पालयति पालि+अण्) Belk २क्षा ४२८२, અપરાજિતા, એક જાતનું પંખી-કાલી ચકલી, નવવર્ષીયા કિલ્લાની અધ્યક્ષ, કિલ્લેદાર, કિલ્લાનો સ્વામી. दुमारिst, uta.st -'नववर्षा भवेद् दुर्गा सुभद्रा दुर्गपुष्पी स्त्री. (दुर्गं दुष्प्राप्यं पुष्पं यस्याः जातित्वात् दशवार्षिकी' -'देवीभाग० ५।२६। ङीष्) शपुष्टा नामर्नु मे वृक्ष.
दुर्गाढ त्रि. (दुर्+गाह+कर्मणि क्त) दुसथी. ६२ दुर्गम त्रि. (दुःखेन गम्यते इति दुर्+ गम् खल्) थी.
પ્રવેશ થઈ શકે તે, દુઃખથી પ્રવેશ કરવા યોગ્ય, ४वाय तेj -कामिनीकायकान्तारे कुचपर्वतदुर्गमे
दुःथी. 4.51. भ२५ ते - 'दुर्गाढो नयमार्गोऽ. भर्तृ० ११८६। दुशेय, दुधि. (पुं.) ते. नामनी में
यमित्याहुस्तद्विदो जनः' -हरिवंशे । ससुर -तत्रैव च वधिष्यामि दुर्गमाख्यं महासुरम्- |
दुर्गाधिकारिन्, दुर्गाध्यक्ष पुं. (दुर्गस्य अधिकारी इनि/ मार्कण्डेये ११।४४। (पुं. दुःखेन गम्यते ज्ञायते)
दुर्गस्य अध्यक्षः) cानी. अधि.10- अनाहार्यश्च પરમેશ્વર. दुर्गल पुं. (दुःस्थितो गलो यत्र लोकानाम्) ते. नामना
शूरश्च तथा प्राज्ञः कुलोद्गतः । दुर्गाध्यक्षः स्मृतो
राज्ञस्तयुक्तः सर्वकर्मसु-मत्स्यपुराण ।। में . (पुं. ब. दुर्गलो देशः सोऽभिजनोऽस्य
दुर्गानवमी स्त्री. (दुर्गायाः पूजोपलक्षिता नवमी) ति: तस्य राजा वा अण् बहुषु अणो लुक्) दुसरा शिना २नारामी, हुल. देशनो स्वाभी-1%81. .
सुही नवी. दुर्गलङ्घन पुं. (दुर्ग दुर्गमस्थानं मरूभूभ्यादि
साट | दुर्गाश्रय पुं., दुर्गाश्रयण न. (दुर्गस्य दुर्गाया वा आश्रयः। लङध्यतेऽनेनेति लचि+करणे ल्युट) 6ष्ट्र-62. (न.
___दुर्गे दुर्गाया वा आश्रयणम्) BAIनो साश्रयवो दुर्गस्य लङ्घनम्) [Beal भोगो त, मुश्दीन
ते, दुहेवानी साश्रय लेवो त. ઓળંગી જવી, મુશ્કેલ કામ-આપત્તિ વગેરેને વટી
दुर्गास्मरण न. (दुर्गायाः स्मरणम्) हु हेवीनु २५२५५
यिन्तन. दुर्गलवनी स्त्री. (दुर्गलङ्घनम्+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) दुर्गाह्व पुं. (दुर्गा आह्वा यस्य) पृथ्वीथी. पे६८ था२, Ga 1.
गुगण, भूमि गुगण. दुर्गव्यसन न. (दुर्गे व्यसनम्) पूरता २६. न. डोवा
दुभि त्रि. (दुःखेन गृह्यतेऽसौ दुर्+ ग्रह बाहुल० कर्मणि વગેરે કિલ્લાનો દોષ.
कि सम्प्रसारणम् वेदे हस्य भः) (A, AS. दुर्गसंस्कार पुं. (दुर्गस्य संस्कारः) [ 25 गये. કરવાને અશક્ય. કિલ્લાને મરામત કરી સુધારવો તે.
दुर्गोत्सव पुं. (दुर्गायाः उत्सवः) हुवानउत्सव, दुर्गसंचर, दुर्गसंचार पुं. (दुर्ग दुर्गमस्थानं नद्यादिपरपारं શરદ ઋતુમાં તથા વસન્ત ઋતુમાં દુર્ગાની પૂજા.
सञ्चर्यतेऽनेन सम्+चर्+पुंसीति घ/दुर्गं नद्यादिपार- | निमिते. ४२त. उत्सव.. दुर्गमस्थानं संचर्यते गम्यतेऽनेन सम्+च+घञ्) न | दुर्ग्रह त्रि. (दुःखेन गृह्यतेऽसौ दुर्+ग्रह +खल्) हुथी . જવાય તેવા માર્ગમાં રસ્તો કરવો તે, નદી-નાળું A९॥ ४२रायते, दुशेय, दुमयी ५मायत-दुरास.६. वगैरे तरवा iधेस पुर, ५, सेतु, वगरे. (दुर्ग | दुर्ग्रहा स्त्री. (दुःखेन गृह्यतेऽसौ स्त्रियां टाप्) अघाउ कोट्टम् संचर्यतेऽनेन) BEL 6५२ ३री शाय. तेवो | नामनी वनस्पति. भा.
दुर्ग्राह्य त्रि. (दुर्+ग्रह्+ण्यत्) A९॥ ४२वाने. २४२५७५.
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